‘पिता की गाड़ी बेटा चलाए तो भी बीमा क्लेम नहीं मिलेगा’

अब अगर पिता की गाड़ी बेटा चलाता है और हादसा हो जाए तो भी बीमा क्लेम नहीं मिलेगा। एक केस की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

'पिता की गाड़ी बेटा चलाए तो भी बीमा क्लेम नहीं मिलेगा'

 पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि पिता के नाम वाहन को बेटा चला रहा हो तो भी वह ऑनर ड्राइवर नहीं है। उसे मांगा हुआ वाहन माना जाएगा और इस स्थिति में पर्सनल एक्सीडेंट कवर का लाभ देने के लिए बीमा कंपनी बाध्य नहीं है।
 मामला हिसार निवासी सुमित्रा देवी की याचिका से जुड़ा हुआ है। याची ने कहा था कि उसकेपति व बेटा मोटरसाइकिल लेकर जा रहे थे कि अचानक सामने गाय आ गई। गाय को बचाने के चक्कर में गाड़ी फिसल गई और इस दौरान जो चोट आई उससे उनके बेटे मोहित की मौत हो गई।
 याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील की कि इस एक्सीडेंट के लिए बीमा कवर का भुगतान करने के लिए इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिए जाएं। मामले में कंपनी की ओर से दलील दी गई कि मोटरसाइकिल मोहित ड्राइव कर रहा था जबकि यह उसके पिता के नाम थी। ऐसे में वह ऑनर ड्राइवर नहीं था और ऑनर ड्राइवर न होने के चलते उसे क्लेम का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए।
याचिका में दलील दी गई कि पर्सनल एक्सीडेंट कवर का लाभ केवल ऑनर ड्राइवर को दिया जा सकता है। इससे पूर्व में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल हिसार संबंधी याची हाईकोर्ट की जस्टिस अनीता चौधरी ने सभी पक्षों को सुनने के बाद इंश्योरेंस कंपनी के हक में अपना फैसला सुनाया।
 फैसले में जस्टिस चौधरी ने कहा कि जिस प्रकार की स्थिति इस मामले में बनी है उसे ऑनर ड्राइवर केस नहीं कह सकते। ऑनर ड्राइवर वह व्यक्ति है जो वाहन चलाने के लिए अधिकृत है और जिसके नाम वाहन है। ऐसे में कंपनियां केवल ऑनर ड्राइवर की स्थिति में ही भुगतान के लिए बाध्य हैं। ऐसे में हाईकोर्ट ने कंपनी द्वारा जमा किया गया 1 लाख रुपये उन्हें वापस करने के आदेश दिए हैं।

 
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