नाश्ते के लिए मशहूर है ये तिनकोनिया होटल, पचास साल से परोस रहा खस्ता कचौरी

भारत में खाने-पीने के शौकीनों की कमी नहीं है. फूडीज की वजह से ही यहां सड़क किनारे ठेले लगाने वालों की भी अच्छी खासी कमाई हो जाती है. अगर बात फूडीज की कर रहे हैं तो इन्हीं की वजह से दिल्ली की सड़कों पर वडा पाव का स्टाल लगाने वाली एक महिला आज एक करोड़ की कार में घूमती नजर आ रही है. खैर आज हम आपको झारखंड के जमशेदपुर के एक ऐसे होटल के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पिछले पचास साल से लोगों को नाश्ता परोस रहा है.

हम बात कर रहे हैं साकची के तिनकोनिया होटल की. इस छोटे से होटल के लुक पर नहीं जाएं. ये होटल पचास साल से चल रही है. सुबह के वक्त यहां नाश्ता करने वालों की भीड़ लगी रहती है. गर्मागर्म समोसे, कचौरी के अलावा यहां कई तरह की मिठाइयां भी मिलती है. आसपास के लोगों के बीच ही नहीं, इस होटल में नाश्ता करने दूर-दूर से भी लोग आते हैं. सुबह के बाद एक बार फिर शाम को यहां लोगों की भीड़ उमड़ती है.

इस कारण पड़ा नाम
अपने स्वाद के अलावा ये होटल यूनिक नाम की वजह से भी मशहूर है. दरअसल, इस होटल को सड़क के बीच तिकोने जमीन के टुकड़े पर बनाया गया है. यूनिक शेप की वजह से ही होटल का नाम तिनकोनिया रखा गया है. सुबह के वक्त ऑफिस जाते लोग, कॉलेज और स्कूल स्टूडेंट्स की भीड़ यहां देखने को मिलती है. इसके बाद शाम को कोचिंग से आते स्टूडेंट्स और घूमने निकले लोगों का हुजूम यहां उमड़ता है.

स्वाद है लाजवाब
तिनकोनिया होटल के स्वाद के लोग दीवाने हैं. यहां समोसे के साथ-साथ लोगों को परोसी जाने वाली चटनी भी मशहूर है. लोग चटनी के स्वाद के दीवाने हैं. जमशेदपुर के अलावा रांची और आसपास के जिलों से भी लोग यहां आकर स्वाद का लुत्फ़ उठाते हैं. कहा जाता है कि ये होटल इस जगह पर पिछले पचास साल से चल रही है. तब से लेकर आजतक यहां का स्वाद एक जैसा ही है.

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