काला धन छिपाने वालों की अब खुलेगी पोल, बैंकों ने जारी किये निर्देश

2014 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार ने देशवासियों से वादा किया था कि अगर हमारी सरकार बनती है तो हम कालेधन पर रोक लगाने के साथ ही साथ विदेशों में जमा कालाधन भी वापस लायेंगे। नतीजा ये हुआ कि 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत मिला और नरेन्द्र मोदी को पीएम उम्मीदवार चुना गया।काला धन छिपाने वालों की

 

मोदी का कार्यकाल शुरू होने के कुछ दिन बाद बीजेपी सरकार ने जब काले धन पर रोक लगाने के लिए नोट्बंदी का ऐलान किया तो विरोधी पार्टियों ने इस पर जमकर हमला भी किया। वहीँ पीएम मोदी के इस फैसले का आम जनता ने इसका स्वागत किया। ऐसे में एक बार फिर पीएम मोदी ने कालेधन पर रोक लगाने के लिए एक अहम् फैसला लिया है। 

इसके तहत अगर आपका अकाउंट एफएटीसीए (फॉरन अकाउंट टैक्स कंप्लायंस ऐक्ट) के अनुकूल है? और आप इसके लिए आपने जरूरी कागजात बैंकों को मुहैया नहीं कराए हैं तो सोमवार से आपको कठिन समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

दरअसल अगर आपने बैंकों को एफएटीसीए के नियमों के तहत जरूरी जानकारी नहीं दी हैं तो, म्युचुअल फंड के निवेशकों, बैंक के खाताधारकों और बीमा योजनाओं में निवेश करनेवालों के खातों को  बंद कर दिया जाएगा। फ़िलहाल ये सभी खाताधारकों के साथ नहीं किया जायेगा। ये नियम इन खाताधारकों के लिए है जिन्होंने 1 जुलाई 2014 से 31 अगस्त 2015 के बीच अपने खाते कहलाये हों। उन्हें एफएटीसीए नियमों का पालन करना होगा।

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क्या होता है एफएटीसीए

दरअसल एफएटीसीए (फॉरन अकाउंट टैक्स कंप्लायंस ऐक्ट) होता है। इसमें भारत और अमेरिका के बीच सभी वित्तीय सूचनाओं का लेन-देन सुनिश्चित होता है। जैसा की बता दें जुलाई 2015 में भारत और अमेरिका ने एफएटीसीए पर दस्तखत किए। यह अमेरिका का नया कानून है जिसके लक्ष्य दोनों देशों के बीच वित्तीय सूचनाओं का स्वतः आदान-प्रदान की व्यवस्था की गई है ताकि टैक्स चोरों के बारे में जानकारी साझा की जा सके। जिस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने ये अहम् कदम उठाया है। ।

 
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