हिमाचल: 72 सीटर विमान उतरेंगे जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर, रनवे की लंबाई बढ़ाने की योजना

एयरपोर्ट विस्तार के लिए बनाई तकनीकी टीम ने इसके लिए रिपोर्ट तैयार कर ली है। अब रिपोर्ट नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को भेजी जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद हवाई पट्टी के विस्तार का कार्य शुरू किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के जुब्बड़हट्टी हवाई पट्टी की लंबाई एक तरफ 300 मीटर बढ़ाई जाएगी। जरूरत के अनुसार पट्टी को चौड़ा भी किया जाएगा। एयरपोर्ट विस्तार के लिए बनाई तकनीकी टीम ने इसके लिए रिपोर्ट तैयार कर ली है। अब रिपोर्ट नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को भेजी जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद हवाई पट्टी के विस्तार का कार्य शुरू किया जाएगा। बीते सप्ताह तकनीकी टीम ने एफसीए के नोडल अधिकारी संजय सूद की अध्यक्षता में जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट का दौरा किया था।

टीम ने एयरपोर्ट रनवे-टर्मिनल का मुआयना किया और रिपोर्ट तैयार कर ली है। टीम के अनुसार बड़े जहाजों को उतारने के लिए हवाई पट्टी की लंबाई और चौड़ाई बढ़ानी होगी। एयरपोर्ट के विस्तार और सुधार के बाद प्रदेश में पर्यटन को भी पंख लगेंगे। लंबे अर्से से यहां पर उड़ानें इसलिए सही तरीके से नहीं चल पा रही हैं, क्योंकि यहां हवाई पट्टी छोटी है। विस्तार के बाद यहां पर्यटकों को सुविधा मिलेगी। शिमला से जुब्बड़हट्टी की सड़क से दूरी लगभग 24 किलोमीटर है।

ये दिए सुझाव
हवाई पट्टी के साथ सोलन वन मंडल की जमीन आती है, ऐसे में तकनीकी टीम ने जो रिपोर्ट तैयार की है उसमें वन मंडल ने यहां पर दो तरह से पट्टी के विस्तार का सुझाव दिया है। पहला सुझाव यहां पर जमीन को समतल करके विस्तार करने का दिया है। दूसरे सुझाव के तहत खाई की तरफ मिट्टी का भरान कर विस्तार किया जा सकेगा। तकनीकी टीम दोनों विकल्पों पर काम करने के लिए तैयार है। हालांकि, अंतिम मंजूरी डीजीसीए की ओर से ही दी जाएगी।

लंबाई बढ़ने पर 72 सीटर जहाज कर सकेंगे लैंड
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की ओर से जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट के विस्तार के बाद प्लान तैयार किया जा रहा है। मौजूदा समय में रनवे की लंबाई करीब 1200 मीटर है, जबकि इसे 1500 मीटर करने का प्लान है। अभी यहां पर 42 सीटर जहाज उतारे जा रहे हैं, जबकि लंबाई बढ़ाने के बाद 72 सीटर जहाज लैंड कर सकेंगे।

जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट के विस्तार के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। यहां लंबाई और चौड़ाई बढ़ाने की जरूरत है। एक तरफ से 300 मीटर तक लंबाई आसानी से बढ़ाई जा सकेगी। इस काम में वन विभाग पूरा सहयोग करेगा। तकनीकी टीम ने रिपोर्ट में दो सुझाव दिए हैं। रिपोर्ट डीजीसीए को भेजी जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा।

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