किसान आंदोलन : थर्मल प्लांट में कोयले की आपूर्ति बंद, तीन दिन से स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी

गोबिंदगढ़ थर्मल प्लांट में कोयले की आपूर्ति बंद हो गई है। धनबाद से गोबिंदगढ़ जाने वाली कोयले से लदी मालगाड़ी पिछले तीन दिनों से कैंट रेलवे स्टेशन के लाइन नंबर पांच पर खड़ी है। इसके पीछे कई अन्य मालगाड़ियां भी सहारनपुर-अंबाला रेल सेक्शन पर रोक दी गई हैं।

यह सब कार्रवाई वंदे भारत एक्सप्रेस सहित अन्य मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए की गई है। बावजूद इसके रविवार को कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाली ट्रेनें शाम को पहुंची और शाम को आने वाली ट्रेनें अगले दिन सुबह स्टेशन पर पहुंची। जानकारी अनुसार नई दिल्ली से कटरा के बीच चलने वाली 22477 वंदे भारत एक्सप्रेस 17:50 घंटे की देरी से गंतव्य स्टेशन पर पहुंची। वापसी में 22478 भी 17:30 घंटे की देरी से गंतव्य पर पहुंची। इसी तरह कई ट्रेेनें देरी से पहुंची।

नहीं मिल रही पुख्ता जानकारी
उद्धोषणा करने वाले कर्मचारियों को ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचने की सही जानकारी नहीं है। ऐसी एक परेशानी स्टेशन मास्टर के समक्ष रखते हुए छावनी निवासी पूजा ने बताया कि सोमवार को फरीदाबाद में उसका पेपर है। उसे अमृतसर-इंदौर एक्सप्रेस से जाना था। सुबह छह बजे से कैंट स्टेशन पर बैठी है और अब दोपहर के एक बजे हैं।

उसने बताया कि बार-बार एक ही घोषणा हो रही है कि ट्रेन एक घंटा लेट हो गई है, लेकिन अधिकारी ने बताया कि ट्रेन कहां है और कब आएगी। इसकी जानकारी नहीं है। इसलिए वो टिकट को रद्द करवाकर बस से फरीदाबाद के लिए रवाना हो जाए और परीक्षा दे सके।

चंडीगढ़-साहनेवाल रेल सेक्शन की सुरक्षा बढ़ाई
अंबाला से अमृतसर और कटरा की तरफ जाने वाले एक मात्र रेल सेक्शन चंडीगढ़-साहनेवाल के 50 किमी लाइन की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। यहां अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। यह फैसला इसलिए किया है कि इस एकल लाइन पर ट्रेनों का दबाव बहुत अधिक बढ़ गया था।

रेल पटरियों के रख-रखाव में जुटे विभाग ने चेतावनी दी थी कि इस मार्ग पर लगातार दौड़ रही ट्रेनों के कारण पटरी को मरम्म्त की आवश्यकता है, अन्यथा कभी भी कोई हादसा हो सकता है। इसे लेकर अब इस पूरे सेक्शन पर दोपहर के समय ट्रेनों को रोककर पटरी चेक करने का कार्य आरंभ कर दिया गया है। कभी इस कार्य को करने के लिए दो तो कभी चार घंटे का समय लिया जा रहा है।

नहीं निकला समाधान
पहले शंभू बार्डर पर बैठे किसानों की वजह से हरियाणा का लिंक पंजाब से टूटा है। इस वजह से परेशानी के अलावा सफर बढ़ गया है। दूसरी बड़ी परेशानी अब किसानों के अंबाला-लुधियाना की मुख्य लाइन पर शंभू रेलवे स्टेशन के नजदीक रेलवे लाइनों पर बैठने से शुरू हो गई है और एक बार फिर इसका शिकार यात्री हो रहे हैं। जबकि पिछले दिनों किसानों के साथ हरियाणा व पंजाब सरकार के नुमाइंदों ने बात भी की थी जोकि बेनतीजा रही।

64 रद्द तो 69 बदले मार्ग से
अंबाला-लुधियाना रेल सेक्शन पर किसानों को बैठे हुए रविवार को 19 वां दिन हो गया है। ऐसे में अभी तक 3400 से अधिक ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो चुका है। अगर रेलवे के नुकसान की बात करें तो यह भी करोड़ों रुपये तक पहुंच चुका है। रविवार को भी अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन से निकलने वाली 145 ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। इस कारण 64 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा, वहीं 81 ट्रेनों को बदले मार्ग से चलाया गया।

अंबाला से चंडीगढ़ के रास्ते साहनेवाल की तरफ जाने वाली मालगाड़ियों का संचालन किया जा रहा था। इस कारण मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें घंटों देरी से चल रही थी। इन के समय को दुरुस्त करने के मकसद से मालगाड़ियों का संचालन कुछ समय के लिए रोका गया है। रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर भी अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की गई है। -नवीन कुमार, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, अंबाला मंडल।

अप और डाउन में एक दर्जन ट्रेनें रद्द
पानीपत। पंजाब में किसानों के मुख्य रेल लाइन पर बैठने से दिल्ली-अंबाला रेल लाइन लगातार प्रभावित हो रहा है। रविवार को भी करीब एक दर्जन ट्रेनें रद्द की गई और करीब 38 ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए गए। इस रूट पर बाकी चलने वाली ट्रेनें भी आगे ट्रैफिक व्यस्त होने के चलते देरी से पहुंची। कालका शताब्दी एक्सप्रेस भी एक घंटे देरी से पहुंची। इसके अलावा अन्य कई ट्रेनों का शेड्यूल बिगड़ गया है। ऐसे में यात्रियों की संख्या भी घटकर आधी रह गई है। दूसरी ट्रेनों में अपेक्षाकृत भीड़ बढ़ गई है।

पानीपत रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के देरी और न पहुंचने का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। कालका शताब्दी एक्सप्रेस का कालका पहुंचने का समय सुबह 11:30 का है, लेकिन यह ट्रेन कालका 12:29 बजे पहुंची। जबकि पानीपत रेलवे स्टेशन पर दस मिनट की देरी से पहुंची थी। दिल्ली से कुरुक्षेत्र यात्री गाड़ी का पानीपत पहुंचने का समय सुबह 10 बजे है।

यह गाड़ी 10:26 बजे पानीपत पहुंची। पश्चिमी एक्सप्रेस चंडीगढ़ रूट से अमृतसर पहुंचती है। यह ट्रेन पानीपत रेलवे स्टेशन पर रविवार को एक घंटे देरी से पहुंची। अमृतसर पहुंचते समय यह करीब पौने दो घंटे लेट हो गई। यह गाड़ी रात सवा आठ की बजाय दस बजे अमृतसर पहुंची। ऐसे में गर्मी के मौसम में ट्रेनें न मिलने से यात्री परेशान हो गए हैं। श्याम सिंह और दीपांशु ने बताया कि पिछले दिनों से रेल यातायात लगातार बाधित है, लेकिन रेलवे का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।

ये ट्रेनें रद्द और रहीं डायवर्ट
शान-ए-पंजाब, पठानकोट, फाजिल्का इंटरसिटी एक्सप्रेस, अमृतसर इंटरसिटी एक्सप्रेस, जम्मू मेल ट्रेन अप और डाउन में रद्द रहीं। वहीं आम्रपाली एक्सप्रेस, अमृतसर एक्सप्रेस, मालवा, सचखंड एक्सप्रेस व झेलम एक्सप्रेस का रूट डायवर्ट किया गया। इन ट्रेनों को जींद और जाखल से लुधियाना रवाना की गई।

पंजाब में किसानों के मुख्य ट्रैक पर बैठने के चलते ट्रेनें प्रभावित हैं। करीब एक दर्जन ट्रेनें लगातार रद्द की जा रही हैं, जबकि करीब 38 ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए गए हैं। यात्रियों को समय-समय पर जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा नोटिस भी चस्पा किया गया है। -धीरज कपूर, अधीक्षक, रेलवे स्टेशन पानीपत।

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