वैज्ञानिकों ने शहर में ही बनाया ‘मंगल ग्रह’, 4 साल बाद लाल ग्रह पर जाने का इरादा

एक समय था पृथ्वी के लगभग अधिकांश देशों पर अंग्रेजों का राज था. लेकिन पृथ्वी से बाहर जाने में अंग्रेजों कभी रुचि नहीं दिखाई. पर अब लगता है हालात बदल रहे हैं. अब ब्रिटेन अंतरिक्ष के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, यहां कि अब तो मंगल ग्रह पर जाने की ही तैयारी है. यहां के स्पेस साइंटिस्ट ने स्टीवनेज में ‘मंगल ग्रह’ का निर्माण किया है.

फ्रांसीसी एयरोस्पेस दिग्गज एयरबस ने अपने एक्सोमार्स रोवर का परीक्षण करने के लिए हर्टफोर्डशायर शहर में एक औद्योगिक संपत्ति पर 2.25 करोड़ किमी दूर ग्रह की सतह के जैसे हालात बनाने के लिए लाल रेत और चट्टानों का उपयोग किया है.

2028 में यान मंगल ग्रह पर पानी और संभावित जीवन के संकेत खोजने के मिशन पर रवाना होगा. एयरबस ने स्टीवनेज में रोवर का निर्माण किया है, जो यूके में अंतरिक्ष क्षेत्र में 3,500 लोगों को रोजगार देता है.

कंपनी शीघ्र ही यूरोपीय स्पेस एजेंसी के साथ उस लैंडिंग मॉड्यूल के लिए थ्रस्टर्स बनाने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करेगी जिसकी आपूर्ति रूसियों को यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले करनी थी. इस बीच इसके प्रदर्शन को इसके विशेष रूप से निर्मित ब्रिटिश ‘मार्स यार्ड’ में तैयार किया जाएगा. एयरबस के एक्सप्लोरेशन रोवर्स प्रोग्राम मैनेजर क्रिस ड्रेपर ने कहा कि इसका अंतरिक्ष अभियान “यूके में हमारे लिए एक वास्तविक सफलता की कहानी” रहा है.

उन्होंने कहा, “स्टीवनेज में रोवर का निर्माण करने के बाद अब हम लैंडर को डिजाइन करने का एक बड़ा हिस्सा होंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह सुरक्षित रूप से नीचे उतर सके.” यह परियोजना एक संपन्न यूके अंतरिक्ष उद्योग का हिस्सा है जो 50,000 लोगों को रोजगार देता है और देश की धरती से एक भी रॉकेट लॉन्च किए बिना अर्थव्यवस्था में हर साल 18 खरब 34 अरब 56 करोड़ रूपये पंप करता है.

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