लखनऊ में केजीएमयू ने किया एक और कारनामा, हासिल की ये नई उपलब्धि
चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अलग पहचान रखने वाली लखनऊ की किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने एक और कारनामा किया है। केजीएमयू ने कॉर्निया ट्रांसप्लांट में नई उपलब्धि हासिल की है। यहां के डॉक्टरों ने एक कॉर्निया को बीच से काटकर दो लोगों में प्रत्यारोपित कर उन्हें रोशनी दी। दावा है कि उत्तर प्रदेश के सरकारी संस्थानों में ऐसा ऑपरेशन पहली बार हुआ है।
केजीएमयू में 25 सितंबर से आठ अगस्त तक नेत्रदान पखवारा मनाया गया। रविवार को अंतिम दिन आई बैंक के डायरेक्टर प्रो. अरुण शर्मा ने कॉर्निया ट्रांसप्लांट की नई उपलब्धि के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में अभी तक एक कॉर्निया को एक मरीज में ही ट्रांसप्लांट करना मुमकिन था। अब एक कॉर्निया दो मरीजों में ट्रांसप्लांट करना शुरू कर दिया गया है। पिछले कुछ दिनों में 19 संरक्षित कॉर्निया को दो हिस्सो में काटकर 38 नेत्रहीनों में ट्रांसप्लांट करने में सफलता हासिल की गई है। यह सभी ट्रांसप्लांट सफल रहे।
डाल्क-डीसेक का अलग-अलग ट्रांसप्लांट
डॉ. अरुण के मुताबिक कॉर्निया के ऊपरी हिस्से को डीप इंटीरियर लेमलर केराटोप्लास्टी (डाल्क) कहते हैं। वहीं, नीचे के हिस्से को डेसिमेट स्ट्रिपिंग एंडोथेलियल केराटोप्लास्टी (डीसेक) कहते हैं। ऐसे में कॉर्निया को बीच से कट कर दिया गया। जिन मरीज में कॉर्निया की ऊपरी लेयर खराब थी, उनमें डाल्क हिस्सा ट्रांसप्लांट किया गया। जिन मरीजों की कॉर्निया के निचले हिस्से में गड़बड़ी थी, उनमें डीसेक ट्रांसप्लांट किया गया। एक मरीज में कॉर्निया ट्रांसप्लांट करने में सिर्फ 30 मिनट का वक्त लगा।