राजधानी में एक सप्ताह से सर्वर डाउन

कीर्ति नगर से एक मरीज को अस्पताल के लिए लेकर निकली एंबुलेंस रास्ते में ही खराब हो गई। मरीज को रमेश नगर के पास एक अस्पताल में पहुंचाना था। एंबुलेंस मरीज को लेकर करीब एक किलोमीटर ही चली होगी कि अचानक मोती नगर लाल बत्ती के पास पहिया मुड़ गया। 

कीर्ति नगर से मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए परिजन परेशान थे। शुक्रवार शाम करीब साढ़े सात बजे से लगातार 102 नंबर पर एंबुलेंस सुविधा के लिए फोन कर रहे थे। 20-30 मिनट परेशान होने के बाद संपर्क हुआ और एंबुलेंस पहुंची। मरीज को रमेश नगर के पास एक अस्पताल में पहुंचाना था। एंबुलेंस मरीज को लेकर करीब एक किलोमीटर ही चली होगी कि अचानक मोती नगर लाल बत्ती के पास पहिया मुड़ गया। गनीमत रही कि अचानक झटके से रुकी एंबुलेंस में मरीज को नुकसान नहीं हुआ। मजबूरन मरीज को दूसरे वाहन से अस्पताल तक पहुंचाना पड़ा। 

परिजनों की मानें तो पिछले एक सप्ताह से एंबुलेंस सुविधा का सर्वर डाउन है। बड़ी मुश्किल से एंबुलेंस आई थी, लेकिन उसकी स्थिति भी खराब है। ऐसे वाहनों के कारण मरीजों की समस्या बढ़ रही है। वहीं इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार के पास एंबुलेंस सेवा के लिए 240 वाहन हैं। इनमें से 50 वाहनों को पिछले साल ही जोड़ा या बदला गया है। अन्य वाहनों को जरूरत के आधार पर बदलने या जोड़ने की दिशा में प्रयास जारी है। इसे लेकर टेंडर प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद है जल्द सब सही होगा। 
वहीं एंबुलेंस की देखरेख व मरम्मत के बारे में अधिकारी ने कुछ भी बताने से मना कर दिया।  

दिल्ली में एंबुलेंस की सुविधा

कुल एंबुलेंस    380
सरकारी एंबुलेंस वाहन    240 
अनुबंध के तहत वाहन    140 
एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस    74 
अन्य सुविधा की एंबुलेंस    91 
बेसिक लाइफ सपोर्ट     बाकी सभी 
पिछले साल बदली गई सरकारी 50 एंबुलेंस 

कैट्स एंबुलेंस का सर्वर डाउन 
बीते दिनों कैट्स एंबुलेंस के सर्वर डाउन के कारण मोटर साइकिल चालक को ट्रामा सेंटर पहुंचाने में देरी हुई थी। इसे लेकर एम्स के नर्सिंग स्टाफ ने सवाल भी उठाया था। उन्होंने बताया था कि करीब 20 मिनट तक कैट्स एंबुलेंस को फोन करते रहे, उसके बाद भी फोन नहीं लगा। बाद में पीसीआर की मदद लेनी पड़ी, उसके बाद ही मरीज को अस्पताल पहुंचा पाए। 

12 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने एक ट्वीट कर जानकारी दी कि सेंट्रल जोन की पीसीआर टीम ने महिला को अस्पताल पहुंचाया था। घर पर प्रसव के दौरान शिशु के अटकने के कारण महिला की हालत नाजुक हो गई थी। पुलिस को सूचना मिलते ही पीसीआर की टीम मौके पर पहुंची और महिला को अस्पताल लेकर गई। पुलिस की मानें तो मां और बच्चा दोनों ठीक हैं। वहीं आसपास के लोगों की मानें तो पहले एंबुलेंस सेवा के लिए कॉल किया, जब बात नहीं हुई तो पुलिस की मदद लेनी पड़ी।  

बजट में 194 करोड़ रुपये की व्यवस्था
अत्याधुनिक एंबुलेंस खरीदने के लिए दिल्ली सरकार ने बजट में 194 करोड़ की व्यवस्था की है। इसमें एडवांस लाइफ सपोर्ट व बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस शामिल होंगी। विभाग की मानें तो दिल्ली कैट्स एंबुलेंस सेवा के बेड़े में साल 2014 में 155 एंबुलेंस थीं। मौजूदा समय में इनकी संख्या बढ़कर 380 हो गई है। सरकार का दावा है कि दस वर्षों में जरूरतमंदों की मदद के लिए एंबुलेंस के पहुंचने का समय 55 मिनट से घटकर महज 15 मिनट रह गया है।

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