जम्मू-कश्मीर में निकाय चुनावों की हुई घोषणा, 4 चरणों में होंगा मतदान

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनावों को टालने की अटकलों पर विराम देते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शालीन काबरा ने शनिवार को चुनाव कार्यक्रम का एलान कर दिया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव चार चरणों में होगा। पहला चरण आठ अक्टूबर और अंतिम चरण 16 अक्टूबर को होगा। वोटों की गिनती 20 अक्टूबर को होगी।

इसके साथ ही सभी स्थानीय निकायों, राजनीतिक दलों, चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवारों और राज्य प्रशासन के लिए आदर्श चुनाव आचार संहिता भी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। जम्मू नगर निगम के लिए मतदान पहले चरण में आठ अक्टूबर को होगा, जबकि श्रीनगर नगर निगम का मतदान पहले चरण से लेकर अंतिम चरण तक चलेगा।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक के नेतृत्व में 31 अगस्त को हुई राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में राज्य में स्थानीय निकाय व पंचायतों के चुनाव कराने का फैसला लिया गया था, लेकिन नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा अनुच्छेद 35ए के मुद्दे पर चुनावों का बहिष्कार का एलान किए जाने के बाद इन चुनावों को स्थगित करने की अटकलें तेज हो गई थीं। वहीं मुख्य निर्वाचन अधिकारी शालीन काबरा ने श्रीनगर में पत्रकारों के समक्ष इसे खारिज करते हुए कहा कि सभी तैयारियां की जा चुकी हैं।

राज्य प्रशासन व सुरक्षा एजेंसियों ने शांत और सुरक्षित माहौल में निष्पक्ष मतदान संपन्न कराने के लिए सभी आवश्यक सुरक्षा प्रबंध किए हैं। हमें उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान करने के लिए आगे आएंगे। राज्य में स्थानीय निकायों के अंतिम बार चुनाव 2005 में हुए थे और 2010 में इनका कार्यकाल समाप्त हो गया था।

कश्मीरी पंडित पोस्टल बैलेट या ईवीएम से कर सकेंगे मतदान 
मुख्य निर्वाचन अधिकारी शालीन काबरा ने कहा कि विस्थापित कश्मीरी पंडित मतदाता जिस-जिस इलाके के रहने वाले हैं, वहां की मतदाता सूचियों में उनके नाम हैं। वह अपने संबंधित वार्ड के आधार पर निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक पोस्टल बैलेट या ईवीएम के जरिये मतदान कर सकते हैं।

यहां होगा चुनाव
02 नगर निगम
06 म्यूनिसिपल काउंसिल
72 म्यूनिसिपल कमेटियां

नेकां-पीडीपी निकाय चुनाव में लें भाग : राज्यपाल
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी समेत सभी राजनीतिक दलों से पंचायत चुनाव और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में भाग लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव न तो मेरे लिए है और न दिल्ली के लिए। यह चुनाव जम्मू-कश्मीर की जनता के लिए है। अनुच्छेद 35ए के नाम पर चुनावों का बहिष्कार अनुचित है, क्योंकि राज्य में निर्वाचित सरकार की बहाली तक हम इस पर कोई स्टैंड अथवा पक्ष नहीं ले सकते। 

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