शिक्षा विभाग का गैर मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को दो दिन में बंद करने के आदेश जारी…

 जिले में बिना मान्यता के चल रहे प्राइवेट स्कूलों पर अब शिक्षा विभाग की गाज गिरनी शुरू हो गई है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा गैर मान्यता प्राप्त सभी प्राइवेट स्कूलों को दो दिन में बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। इसको लेकर क्लस्टर स्तर पर टीमें बनाई गई हैं। जो अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे स्कूलों को बंद करेंगे जिनके पास कोई भी मान्यता नही हैं।

इसके बाद भी यदि कोई स्कूल खुला मिला तो उस स्कूल संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी। क्लस्टर स्तर की टीमों द्वारा अब तक जिले के चार स्कूलों को बंद किया जा चुका है। वहीं जिले 10 स्कूलों के एम.आई.एस पोर्टल बंद किए जा चुके है। इसके साथ ही दस साल पुरानी मान्यता वाले 90 निजी स्कूलों को 31 मार्च तक दोबारा से मान्यता लेने बारे निर्देश जारी किए गए थे। इनमे से अब तक केवल 7 स्कूलों ने ही दोबारा नवीनीकरण करवाया है।

बता दें कि हाई कोर्ट के आदेशों के बाद प्रदेश भर में गैर मान्यता के स्कूलों पर निदेशालय द्वारा कार्रवाई की जा रही है। जिसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा जिले के 28 गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। पहले 28 स्कूलों को नोटिस दिए गए थे। विभाग को संचालकों की तरफ से कोई भी जवाब नहीं मिला, इसलिए इन्हें बंद करने की कार्रवाई की जा रही है। ये स्कूल गैर मान्यता के बाद भी अभिभावकों से शिक्षा के नाम पर अलग-अलग तरीके से मनमर्जी किताबों, वर्दी, खेल के सामान, आई-कार्ड, स्मार्ट क्लास, डायरी इत्यादि के नाम पर मोटी फीस वसूलते हैं।

ये स्कूल किराये के अलावा ऐसे प्राइवेट परिसर में भी चलाए जा रहें है जिनके पास फायर की एनओसी ही नहीं है। इनमे से अधिकतर स्कूल गांव व शहर की कालोनियों में चल रहे हैं। इन स्कूलों में कई ऐसे भी हैं, जिनमें सिर्फ 20 से 50 विद्यार्थी ही पढ़ते हैं। इसके अलावा कई स्कूल ऐसे भी हैं, जिनमें 500 से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ते हैं।

नए सेशन में प्रवेश के लिए करनी होगी शर्तें पूरी: 

विदित रहे कि डी.ई.ओ कार्यालय निदेशालय ने आदेशों अनुसार दस साल पुरानी मान्यता वाले जिले के 90 निजी स्कूलों को 31 मार्च तक दोबारा से मान्यता लेने बारे निर्देश जारी किए गए थे। इसको लेकर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से संबंधित स्कूल संचालकों को नोटिस भेजे थे। जिनमे निदेशालय के आदेशों का हवाला देते हुए 31 मार्च तक दोबारा से मान्यता लेने की बात कही गई थी। पत्र में लिखा गया की अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को नए सेशन में  प्रवेश के लिए तब अनुमति दी जाएगी, जब वे सभी नियमों को पूरा करेंगे। शर्तों को पूरा किए बिना यदि कोई भी स्कूल शुरू किया गया, तो हरियाणा स्कूल एजुकेशन नियम 2003 के तहत इसे अपराध माना जाएगा और उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट:  डी .ई .ओ

जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. विजय लक्ष्मी ने बताया कि उन्होंने एक पत्र जारी कर खंड शिक्षा अधिकारियों से गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की रिपोर्ट मांगी है, साथ ही लिखे गए लेटर में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों का एम.आई.एस पोर्टल बंद करने के आदेश दिए गए हैं। अब तक जिले चार स्कूलों को बंद किया जा चुका है है।

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