रामबन में लगातार बढ़ रहा भू-धंसाव का दायरा, परनोत क्षेत्र में जाने पर प्रतिबंध

रामबन में हुई भारी बारिश के बीच परनोत क्षेत्र में हो रहा भू-धंसाव लगातार पांचवें दिन सोमवार को भी जारी रहा। इसका दायरा बढ़ता जा रहा है। परनोत क्षेत्र को नो-गो जोन घोषित कर दिया गया है। यहां किसी को भी आने जाने की अनुमति नहीं होगी।

प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। जबकि बाहर से आई विशेषज्ञों की टीम हर पहलू की जांच कर रही है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राहत शिविर और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) रामबन कैंप कार्यालय परनोत पंचायत में काम कर रहा है।

प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों को अस्थायी रूप से रामबन के सामुदायिक केंद्र, रिश्तेदारों और पड़ोसियों के घरों में ठहराया गया है। उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने कहा कि जमीन धंसने का सिलसिला जारी है। परनोत के भूमि धंसने से प्रभावित क्षेत्रों से अब तक सभी 100 परिवारों को पशुओं सहित नेमाड और तेलगा वार्ड से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

खराब मौसम से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद परिवारों को परनोत पंचायत से संचालित राहत और सहायता सेवाओं के साथ सामुदायिक हॉल मैत्रा में स्थानांतरित कर दिया गया है।

प्रशासन हाई अलर्ट पर है और स्थिति पर नजर रख रहा है। भूवैज्ञानिकों, एनडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, सिविल क्यूआरटी, चिकित्सा टीमें तैनात हैं। क्षेत्र में नोडल अधिकारी कैंप (बीडीओ रामबन) यासिर वानी की देखरेख में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।

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