किसान आंदोलन : चरमराया ट्रेनों का संचालन, देरी से पहुंच रही ट्रेनें

किसान आंदोलन की वजह से ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से चरमराया गया है। रेलवे की लाख कोशिशों के बाद भी ट्रेनें सही समय पर नहीं चल रही। कुछ ऐसे यात्री भी हैं, जिनके पास नाममात्र पैसे हैं और वो खाने-पीने का सामान लेने में भी असमर्थ हैं। इसलिए वो ट्रेन के आने तक भोजन की तलाश में स्टेशन से बाहर घूम रहे हैं। वहीं मार्ग बदलने के बाद भी लंबी दूरी की ट्रेनें 21 से 1 घंटे की देरी से गंतव्य स्टेशन पर पहुंची।

यह है परेशानी का कारण
अंबाला-लुधियाना रेल खंड बंद होने के कारण रेलवे अंबाला-चंडीगढ़-साहनेवाल के रास्ते ट्रेनों का संचालन कर रही है। अंबाला से चंडीगढ़ पहुंचने के 35 से 40 मिनट लग रहे हैं। वहीं चंडीगढ़ से साहनेवाल के बीच लगभग 53 किलोमीटर की एकल लाइन को पार करने में ही चार से पांच घंटे का समय लग रहा है। इसी लाइन पर मेल व एक्सप्रेस सहित मालगाड़ियों का संचालन किया जा रहा है। हालांकि जब भी अप या डाउन मार्ग से ट्रेन आती है तो उन्हें बीच रास्ते के पांच स्टेशनों पर रोक दिया जाता है।

देरी से चलने वाली ट्रेनें
ट्रेन नंबर 12414 जम्मूतवी-अजमेर 21 घंटे, 13308 फिरोजपुर-धनबाद 14.30 घंटे, 12716 अमृतसर-नांदेढ़ सचखंड एक्सप्रेस 14 घंटे, 04652 अमृतसर-जयनगर स्पेशल 12.30 घंटे, 012588 जम्मूतवी-गोरखपुर 11 घंटे, 12752 जम्मूतवी-नांदेढ़ हमसफर 10.45 घंटे, 13307 धनबाद-फिरोजपुर 10.30 घंटे, 19326 अमृतसर-इंदौर 8 घंटे, 22552 जालंधर-दरभंगा 3 घंटे, ,22439 नई दिल्ली-कटरा वंदे भारत 6 घंटे, 22477 नई दिल्ली-कटरा वंदे भारत 3 घंटे, 12357 कोलकाता-अमृतसर दुर्गियाना एक्सप्रेस 3 घंटे, 22487 दिल्ली-अमृतसर वंदे भारत एक्सप्रेस 1 घंटा, 15903 डिब्रूगढ़-चंडीगढ़ 2.30 घंटे, 12926 अमृतसर-मुंबई पश्चिम एक्सप्रेस 1.30 घंटे, 12715 नांदेढ़-सचखंड एक्सप्रेस 4 घंटे, 20807 विशाखापट्नम-अमृतसर हीराकुंड एक्सप्रेस 3.30 घंटे, 12445 नई दिल्ली-कटरा उतर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 3 घंटे, 22424 अमृतसर-गोरखपुर 1 घंटा, 12030 अमृतसर-नई दिल्ली स्वर्ण शताब्दी 1 घंटा, 12238 जम्मूतवी-वाराणसी बेगमपुरा एक्सप्रेस 3.30 घंटे, 22432 उधमपुर-सुबेदारगंज 3 घंटे, 22440 कटरा-नई दिल्ली वंदे भारत 5 घंटे की देरी से गंतव्य तक पहुंची।

12वें दिन का आंकड़ा 2205
अंबाला-लुधियाना रेल खंड पर शंभू रेलवे स्टेशन के नजदीक रेलवे लाइनों पर 17 अप्रैल से बैठे किसानों की वजह ये रविवार 28 अप्रैल तक यानी 12वें दिन 2205 ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो चुका है। इसमें से 955 ट्रेनों को पूर्ण रूप से रद्द किया है, जबकि 1067 को बदले मार्ग से और 181 ट्रेनों को बीच रास्ते रद्द करके पुन: चलाया गया है। वहीं इस दौरान 200 के करीब मालगाड़ियों को भी मुख्य लाइन से गंतव्य तक भेजा गया। रेलवे से प्राप्त जानकारी अनुसार रविवार को भी अंबाला मंडल से गुजरने वाली 188 ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। इस दौरान 69 ट्रेनों को पूर्ण रूप से रद्द किया गया, जबकि 107 को बदले मार्ग से और 12 को बीच रास्ते रोककर पुन: संचालित किया गया।

चल रही मंत्रणा
ट्रेनों के रद्द होने से रेलवे को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है, हालांकि मुख्यालय स्तर पर अभी इसका आंकलन किया जा रहा है। वहीं सुरक्षा एजेंसियों से रेलवे मार्गाें की जानकारी लेकर ही ट्रेनों का संचालन भी किया जा रहा है। शुक्रवार को रेलवे ने बैठक के दौरान 25 से 28 अप्रैल तक ट्रेनों को रद्द करने व बदले मार्ग से संचालित करने का खाका तैयार कर लिया था। अब सोमवार को एक बार फिर पूरी स्थिति का आंकलन रेलवे के उच्चाधिकारियों की ओर से किया जाएगा और इसी के आधार पर पैसेंजर ट्रेनों के संचालन को लेकर निर्णय लिया जाएगा।

किसान आंदोलन के कारण ट्रेनों का सुरक्षित संचालन एक बहुत बड़ी चुनौती है और वो भी जब एकल रेलवे लाइन पर ही 90 से अधिक मेल एक्सप्रेस और मालगाड़ियां दौड़ रही हैं। प्रत्येक रेलवे लाइन का भी एक निर्धारित आंकलन होता है। मुख्यालय स्तर पर ट्रेनों के संचालन को लेकर रुपरेखा तैयार की जाती है। आगामी जो भी निर्देश आएंगे तो उनकी जानकारी साझा कर दी जाएगी। -नवीन कुमार, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, अंबाला रेल मंडल।

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