दिल्ली में टिड्डी दल ने दिया दस्तक, सरकार ने जारी की एडवाइजरी

देशभर में खासतौर से उत्तर भारत में टिड्डी दल ने किसानों को परेशान कर रखा है। शनिवार सुबह टिड्डी दल झज्जर जिले की सीमा पार करते हुए गुरुग्राम की सीमा में प्रवेश कर गए। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हवा का रुख पलटा तो टिड्डी दल फिर झज्जर वापस आ सकता है।

इसके बाद टिड्डी दल गुरुग्राम पटौदी सोहना में पहुंचा जहां लोगों ने जिला प्रशासन की एडवाइजरी के अनुसार थालियां बजाकर और पटाखे छोड़कर टिड्डी दलों को भगाने का प्रयास किया। गुरुग्राम से निकलकर छावला गांव के रास्ते अब टिड्डी दल दिल्ली के द्वारका में प्रवेश किया। सिर्फ द्वारका ही नहीं दिल्ली के छत्तरपुर में गांव और फार्म हॉउस में टिड्डी दलों का हमला हुआ, जिससे लोग बहुत परेशान रहे। हालांकि कहा जा रहा है कि हवा के दिशा बदलने से टिड्डियां पलवल की ओर मुड़ गईं।
गोपाल राय ने बुलाई आपात बैठक
राष्ट्रीय राजधानी में टिड्डी के संभावित हमले को लेकर दिल्ली के श्रम और विकास मंत्री गोपाल राय ने आज एक आपात बैठक बुलाई। विकास सचिव, डिविजनल कमिश्नर, कृषि निदेशक और जिला मजिस्ट्रेट भी इसमें मौजूद रहे। गोपाल राय ने जानकारी दी कि, टिड्डियों की छोटी टुकड़ी दिल्ली के बॉर्डर पर जसोला घाटी में घुस आई है। हमने वन विभाग को ढोल, डीजे बजाने और केमिकल छिड़काव करने का आदेश दिया है। दक्षिण, पश्चिम और दक्षिणी-पश्चिमी जिले के डीएम को डिविजनल कमिश्नर के माध्यम से डायरेक्शन दी गई है, इन जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

बहुत लंबा चौड़ा है यह टिड्डी दल
जानकारी के अनुसार टिड्डियों का यह दल करीब 6 किलोमीटर चौड़ा और 10 किलोमीटर लंबा है। यही वजह है इनकी मौजूदगी पटौदी, गुरुग्राम और दिल्ली में साथ-साथ देखी गई है। दिल्ली में प्रवेश करने वाला दल काफी छोटा है।

फरीदाबाद भी पहुंचा टिड्डी दल
जानकारी मिली है कि टिड्डियों का एक दल फरीदाबाद के सेक्टर 28, 29 और बल्लभगढ़ में भी देखा गया है। हालांकि इनकी तादाद गुरुग्राम से कम है।

टिड्डी दल ने शनिवार सुबह झज्जर जिले में प्रवेश किया। यह विशाल टिड्डी दल जाटूसाना से उड़ा है। सभी बीडीपीओ, तहसीलदार, कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के साथ फसलों को बचाने के लिए फील्ड में उतर आए।

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