कोर्ट ने जिशा मर्डर केस में अमीर-उल-इस्‍लाम को सुनाई मौत की सजा

केरल में एक दलित महिला के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के सनसनीखेज मामले में दोषी अमीर-उल-इस्‍लाम को मौत की सजा सुनाई गई है. एर्नाकुलम की एक अदालत ने मंगलवार को अमीर-उल-इस्‍लाम को दोषी ठहराया था. साल 2016 में लॉ की छात्रा जिशा (30) अपने घर पर मृत पाई गई थी.

कोर्ट का फैसला आने के बाद खुशी जताते हुए जिशा की मां ने कहा कि अब जाकर उनकी बेटी को न्याय मिला है. किसी भी लड़की के साथ ऐसी बर्बरता नहीं होनी चाहिए. इस केस की जांच कर रही एसआईटी की हेड ADGP बी संध्या ने कहा कि हमने कोर्ट के सामने वैज्ञानिक सबूत पेश किए थे.

असम के रहने वाले अमीर-उल-इस्‍लाम के खिलाफ आईपीसी और एसटी/एससी एक्ट के विभिन्न वर्गों के तहत केस दर्ज किया गया था. जांच के दौरान 100 से ज्यादा गवाहों की जांच हुई थी. इस वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए दोषी को 50 दिनों के बाद पुलिस की एक टीम ने तमिलनाडु में पकड़ा था.

साल 2016 में एर्नाकुलम में दिल्ली के निर्भयाकांड की तरह दलित छात्रा के साथ हैवानियत हुई थी. इस केस में मौत की सजा पाए अमीर-उल-इस्‍लाम ने जिशा के साथ बलात्कार के बाद उसके साथ हैवानियत की सारी हद पार कर दी. उसने पीड़िता के प्राइवेट पार्ट को क्षतिग्रस्त करके उसकी आंत बाहर निकाल दी.

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इसके बाद केरल ही नहीं पूरा देश आक्रोशित हो गया. पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी. सरकार के आदेश पर एसआईटी टीम गठित की गई. करीब 50 दिन बाद अमीर-उल-इस्‍लाम को  तमिलनाडु के कांचीपुरम से गिरफ्तार किया गया. एर्नाकुलम की एक अदालत में उसके खिलाफ केस की सुनवाई चली.

पुलिस पूछताछ में अमीर-उल-इस्‍लाम ने बताया था कि बकरी और कुत्ते सहित कई जानवरों के साथ भी रेप किया करता था. इन जानवरों जब उसका मन जब भर जाता, तो वह उनको मार देता था. उसके मोबाइल से कई अश्लील वीडियो मिले थे. उसमें वह जानवरों का यौन शोषण करता दिखाई दिया था.

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