खेल दिवस पर विशेष: ऐतिहासिक ग्रीनपार्क से निकले हैं कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

कानपुर। जिले में वैसे तो खेलने के लिए खिलाडी कहीं भी खेल सकते हैं लेकिन अगर खेलों को सही दिशा में सीखकर उनको अपना पेशा भी बनाया जाए तो वह सोने पे सुहागे का कार्य हो जाता है। नगर में खेल सीखने के लिए जहां सरकारी तौर पर ग्रीनपार्क, पालिका स्टेडियम, आरमरीना स्टेडियम, कमला क्लब, ओईएफ ,रतनलाल शर्मा स्टेडियम है तो वहीं कई निजी मैदानों में खेलों की गतिविधियां निरन्तर जारी रहती है। जबकि केवल क्रिकेट के लिए कानपुर कमला क्‍लब दक्षिण में साउथ, पीएसी बटालियन का मैदान व आईआईटी जैसी संस्थाएं अपने मैदानों में पूरे वर्ष मैच का आयोजन करवाने का प्रयास करते रहते हैं।

खिलाडियों के प्रोत्साहन के लिए खेल विभाग विभिन्न् प्रकार की सरकारी योजनाओं से जुडी प्रतियोगिताओं का आयोजन निरन्तर ही करता रहता है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला खेल प्रोत्‍साहन समिति खिलाडियों को  समय-समय पर प्रतियोगिताओं के माध्यम से गरीब खिलाडियों व प्रशिक्षकों को खेल से जुडी सामग्री व अन्य संसाधनों की सुविधा मुहैया करवाने का भी काम करती है। जिला खेल प्रोत्साहन समिति खिलाडियों के लिए उनसे जुडी प्रत्येक खेल गतिविधियों के लिए अपनी ओर से खर्च वहन करता है।

कानपुर नगर के शहर क्षेत्र में जहां ग्रीनपार्क रतनलाल शर्मा नगर पालिका व पालिका स्‍टेडियम मुख्‍य रुप से खेलों का संचालन करते हैं। जहां ग्रीनपार्क में अन्तर्राष्‍ट्रीय स्तर पर क्रिकेट मैचों का आयोजन बीते 1951 से निरन्तर जारी है तो पालिका स्टेडियम साल 1987-88 से फुटबाल हाकी व क्रिकेट की गतिविधियों के साथ इन्डोर खेलों जैसे शतरंज व टेबिल टेनिस का आयोजन भी करता आ रहा है। कानपुर नगर निगम ने ही किदवईनगर के एक मैदान को अधि‍ग्रहीत कर साल 2009 में स्टे‍डियम का निर्माण करने में सफलता पायी और उसमें  राज्‍य स्‍तरीय कई प्रतियोगिताओं का आयोजन करता आ रहा है। उसमें भी क्रिकेट ,हॉकी के अलावा इन्डोर खेलों का आयोजन करता आ रहा है।

नगर के सबसे बडे अन्तर्राष्ट्री य स्टेडियम ग्रीनपार्क में खेल विभाग की ओर से क्रिकेट खिलाडियों के लिए छात्रावास का संचालन खेल विभाग के स्थापना के साल 1975 से किया जा रहा है। जहां से देश का प्रतिनिधित्व करने वाले नगर के पहले क्रिकेटर गोपाल शर्मा जिन्होने भारतीय क्रिकेट टीम में नगर की ओर पहली बार खेलने का इतिहास दर्ज करवाया था। इसके बाद यहीं से ज्ञानेन्द्र पान्डेय व मोहम्म द कैफ ने भी अपनी प्रतिभा का परचम लहराते हुए भारतीय क्रिकेट टीम की ओर से खेलते हुए नगर का नाम रोशन किया है। खेल विभाग की ओर से संचालित छात्रावास के लिए खिलाडियों का चयन उनकी प्रतिभा के आधारपर ही किया जाता है। खेल विभाग इन चुने हुए खिलाडियों के रहने –खाने से लेकर पढाई के साथ ही उनकी हर आवश्यकता का पूरा ध्यांन रखता है। खेल विभाग के 25 सीटों वाले इस छात्रावास में खिलाडियों के लिए प्रतिदिन लगभग १००० रुपए प्रति व्यक्ति का खर्च वहन करता है।

नगर में क्रिकेट के‍ अलावा भी अन्य खेलों में प्रतिभावान खिलाडियों की कमी नही है। ताईक्वान्डों ,टेबिल टेनिस और हैण्ड‍बाल में तो खिलाडियों ने अपनीप्रतिभा के दम पर राज्य के सबसे बडे पुरुस्कार पर भी अपना कब्जा  बना लिया। जहां ताइक्वान्डो में अन्तर्राष्ट्रीय स्पार्धाओं में स्वर्ण पदक रजत व कांसे के लगभग 2 दर्जन से अधिक पदकों को अपनी झोली में डालकर ख्याति प्राप्त की। जिसके लिए सरकार ने उन्हे लक्ष्मण पुरुस्कार से भी नवाजा। वहीं हैण्डबाल में ज्योति शुक्ला ने साल 2018 जकार्ता में आयोजित एशियन हैण्डबाल चैम्पियनशिप में भारतीय टीम की ओर से खेलते हुए नगर को गौरवावान्वित किया था। इसके इतर टेबिल टेनिस में अभिषेक यादव ने कई प्रतियोगिताओं व चैम्पियनशिप में अपना परचम लहराते हुए नगर को खेलों के ब्रम्हाण्ड में एक सितारा बना कर चमका दिया।उन्हे भी प्रदेश सरकार की ओर से राष्ट्री य स्तर पर स्कालरशिप दी गयी और खेलों के तमाम पुरुस्कारों से नवाजा गया।

प्रदेश सरकार की ओर से ग्रामीण अंचलों में खेलों के लिए कई योजनाओं का शुभारम्भ किया गया युवा क्रीडा अभियान के तहत कबडडी, खो-खो एथेलेटिक्स वालीबाल व कुश्ती  जूडो समेत कई अन्य‍ खेलों के लिए प्रतिभावान खिलाडियोंकी तलाश की जाती रही। स्कूल स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों को सरकार स्पोटर्स अथारिटी आफ इन्डिया द्धारा संचालित खेल ईकाई में उन्हे प्रशिक्षण प्रदान कर राष्ट्री य स्तर तक के खिलाडी बनाने का कार्य किया जाता है।

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