भाजपा विरोधी दलों को एक जाजम पर लाने की जिम्मेदारी…

भाजपा विरोधी दलों को एक जाजम पर लाने की जिम्मेदारी यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंपी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अहमद पटेल और संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल भी गहलोत के साथ मिलकर एनडीए विशेषकर भाजपा विरोधी दलों से संपर्क कर साथ लाने का काम करेंगे।

गहलोत को 10 दलों के नेताओं से संपर्क साधकर गैर एनडीए सरकार बनाने के लिए एकजुट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सोनिया गांधी ने गुरूवार को गहलोत को दिल्ली बुलाकर चुनाव परिणाम आने से पहले 10 दलों के नेताओं से संपर्क साधने के लिए कहा है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहते हुए गहलोत के इन दलों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध रहे है,इसी का लाभ कांग्रेस नेतृत्व लेना चाहता है।

सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद गहलोत ने शुक्रवार को दो बड़े दलों के नेताओं से टेलिफोन पर बात करने के साथ ही उनके विश्वस्तों से व्यक्तिगत चर्चा भी की। गहलोत अब चुनाव परिणाम आने तक दिल्ली ही रहेंगे। दिल्ली स्थित जोधपुर हाउस में रहकर गहलोत पॉलिटिकल मैनेजमेंट के साथ-साथ राज्य का सरकारी कामकाज भी निपटाएंगे। मुख्यमंत्री सचिवालय के आधा दर्जन अधिकारी शुक्रवार को दिल्ली पहुंच गए है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आगामी राजनीतिक गतिविधियों को लेकर गहलोत के साथ एक दिन पहले ही चर्चा की। राहुल से गहलोत की चर्चा होने के बाद सोनिया गांधी ने उन्हे दिल्ली बुलाकर पॉलिटिकल मैनेजमेंट का जिम्मा सौंपा है।

 इन नेताओं को साधने का जिम्मा संभालेंगे गहलोत

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी,समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव,आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडृ,राजद नेता तेजस्वी यादव,बसपा सुप्रीमो मायावती,बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल,वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगनमोहर रेड्डी,टीआरएस के अध्यक्ष के.चंद्रशेखर राव,माकपा और भाकपा के नेताओं को एक साथ लाकर गैर भाजपा एवं गैर एनडीए सरकार बनाने का प्रयास गहलोत करेंगे। कांग्रेस के एक राष्ट्रीय महासचिव ने बताया कि गहलोत के साथ ही अहमद पटेल एवं के.सी.वेणुगोपाल भी समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं से संपर्क साधने में जुटे है ।

सचिन पायलट भी हुए सक्रिय

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट विभिन्न दलों के युवा नेताओं को साथ लाने का प्रयास करेंगे। केंद्र में मंत्री रहते हुए पायलट के कई दलों के युवा नेताओं के साथ काफी अच्छे संबंध रहे है। इसी को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने पायलट को भी फिलहाल दिल्ली में सक्रिय रहने के लिए कहा है।  

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