क्या करें मां का कातिल बेटा, लाचार थीं, छत से नीचे फेंका और बोला दुनिया का सबसे बड़ा झूठ

इस खबर को पढ़ कर पूरी दुनिया का दिल दहल जाएगा… अब मां और बेटे के रिश्ते की दुहाई देते हुए लोग दस बार सोचेंगे जरूर। एक कलयुगी बेटे ने जिस मां की कोख से जन्म लिया, उसी को ऐसा धोखा जो दिया। ऐसा घिनौना कृत्य करते हुए उसकी हाथ जरा भी नहीं कांपे। सबकुछ प्री-प्लान था…    राजकोट का रहने वाला ये शख्स पेशे से प्रोफेसर है। अपनी लाचार मां से पीछा छुड़ाने के लिए वह उसे एक दिन छत पर ले गया और फिर वहां से उसे नीचे धक्का दे दिया। मां की मौत हो गई। इसके बाद इस शख्स ने दुनिया को सबसे बड़ा झूठ बोला। उसने बताया कि उसकी मां ने आत्महत्या की है। लेकिन वो कहावत है न कि बुराई लाख छिपाए नहीं छुपती। कभी न कभी सच सामने आ ही जाता है। फिर, इस घिनौने पाप पर पर्दा कैसे रहता।

क्या करें मां का कातिल बेटा, लाचार थीं, छत से नीचे फेंका और बोला दुनिया का सबसे बड़ा झूठदेखिए कैसे इस प्रोफेसर की करनी का हुआ पर्दाफाश …. 

दरअसल, जिस समय प्रोफेसर संदीप अपनी लाचार मां से पीछा छुड़ाने के लिए उन्हें छत पर ले जा रहे थे, उसे पता ही नहीं चला कि यह सब सीसीटीवी फुटेज में कैद हो रहा है। 

प्रोफेसर बेटे ने सारी झूठ की कहानी पहले ही तैयार कर रखी थी और प्लान के मुताबिक पुलिस को वैसे ही बताया। ब्रेन हैमरेज के बाद 2 माह से बिस्तर पर पड़ी मां के लिए पुलिस के सामने उसके बोल ऐसे थे कि मानो उसे अपनी मां के यूं जाने का बेहद गहरा सदमा पहुंचा हो। 

बनी बनाई कहानी में उसने पुलिस को फोन कर बताया कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं रही। मां सूरज को जल देने गयी थीं, लेकिन मां ढाई फुट की रेलिंग कैसे फांद गई उसे नहीं पता।

एक बार के लिए पुलिस भी प्रोफेसर की गुत्थी में उलझ गई थी। तीन महीने पहले के इस मामले को आत्महत्या मानकर वाकई जांच बंद कर दी थी। बेटे के जुर्म पर पर्दा पड़ गया था, फाइल बंद थी, लेकिन जब सीसीटीवी फुटेज सामने आया तो हुआ सनसनीखेज खुलासा।

बेटा खुद मां को छत पर ले जाता दिखा। बस एक गुमनाम खत, सीसीटीवी और रेलिंग के सवाल ने बेटे की करतूत उजागर कर दी। बीते 27 सितंबर को गांधीग्राम के दर्शन एवेन्यू में रहने वाली जयश्रीबेन विनोदभाई नाथवानी की उनकी बिल्डिंग की छत से गिरने के बाद मौके पर ही मौत हो गई थी। 

आत्महत्या का मामला दर्ज कर फाइल बंद कर दी थी, लेकिन बाद में पुलिस को एक अज्ञात चिट्ठी मिली थी जिसमें शक जाहिर किया गया था कि जयश्रीबेन की हत्या हुई है। इसके बाद पुलिस ने बिल्डिंग के सीसीटीवी फुटेज चेक किए तो एक दूसरी कहानी सामने आई। फुटेज में दिखा कि मृत जयश्रीबेन बीमारी की वजह से चलने में असमर्थ हैं और उनका बेटा संदीप सीढ़ियां चढ़ने में उनकी मदद कर रहा है और सहारा दे रहा है। बस यहीं से पुलिस को कड़ी मिल गई।

‘सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को पता चला कि जब जयश्रीबेन छत से कूदीं तो उनका बेटा संदीप उनके साथ था और बेटे के साथ होने पर भी आत्महत्या कर पाना संभव नहीं था। क्योंकि जयश्रीबेन की मेडिकल रिपोर्ट्स और हेल्थ रेकॉर्ड्स में यह साफ था कि वे अपने पैरों पर चलने की हालत में नहीं थीं।

​वीडियो में संदीप अपनी मां को छत पर ले जाता देखा गया है। लेकिन इस पर संदीप ने कहानी बनाई थी कि ‘मेरी मां सूरज की पूजा करने जा रही थीं और मैं उनकी मदद कर रहा था।’ 

मगर पुलिस को संदीप की कहानी पर शक हो रहा था कि क्योंकि बिल्डिंग की करीब ढाई फीट ऊंची रेलिंग पारकर उनका आत्महत्या करना संभव नहीं था। अधिकारियों ने बताया कि जब आरोपी से सख्ती से पूछताछ की गई तो वह टूट गया और बताया कि वह अपनी मां की खराब सेहत से थक गया था और इसलिए उसने अपनी मां को मारने का फैसला किया।

उधर, ये बात भी सामने आई कि सास-बहू में खटपट थी, पत्नी ने भी इस आपराधिक कुकृत्य के लिए पति को नहीं रोका। सवाल ये उठता है कि मां अगर जन्म देने के बाद ऐसा सोचती कि बेटे को रोज कौन नहलायेगा, उसका मलमूत्र कौन साफ करेगा तो फिर वो भी अपनी संतान को कहीं फेंक देती तो कैसा होता..?

 
 
Back to top button