टॉय ट्रेन का सफर: कालका-शिमला रेलखंड पर बढ़ी सैलानियों की भीड़

विश्व धरोहर रेल खंड कालका-शिमला रेल खंड पर सैलानियों की भीड़ बढ़ने लगी है। ऐसे में यात्रियों को कंफर्म टिकट लेने के लिए तत्काल का ही सहारा रहा गया है। इस कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे ने इस परेशानी के समाधान की कवायद शुरू कर दी है।

रेलवे 12 अप्रैल से ग्रीष्मकालीन स्पेशल ट्रेन नंबर 04563 का संचालन आरंभ कर दिया है। वहीं आने वाले समय में भीड़ को देखते हुए कुछ अन्य ट्रेनों के संचालन को लेकर भी सूची जारी हो सकती है। इसे लेकर रेलवे अधिकारी लगातार टिकटों की स्थिति और टॉय ट्रेन में सफर करने वाले सैलानियों की संख्या पर नजर जमाए हुए हैं, जिससे अधिक भीड़ होते ही स्पेशल ट्रेनाें के संचालन की अनुमति प्रदान की जा सके। मौजूदा समय में कालका-शिमला रेल खंड पर सात जोड़ी ट्रेनों का संचालन हो रहा है। इनमें से पांच ट्रेनों में वेटिंग की टिकट मिल रही है और दो ट्रेनों में अभी कुछ सीटें रिक्त पड़ी हुई हैं।

ट्रेन नंबर 52455 हिमालयन क्वीन के एसी चेयर कार में 26 वेटिंग और प्रथम श्रेणी एसी कोच में 14 वेटिंग की टिकट मिल रही है। इसी प्रकार ट्रेन नंबर 52451 शिवालिक डीलक्स एक्सप्रेस के प्रथम श्रेणी कोच में 7 वेटिंग, ट्रेन नंबर 04506 कालका-शिमला स्पेशल प्रथम श्रेणी कोच में 3 और विस्टाडोम कोच में 4 वेटिंग, ट्रेन नंबर 52453 कालका-शिमला एक्सप्रेस के द्वितीय श्रेणी कोच में 13, विस्टाडोम कोच नॉन एसी में 12 और प्रथम श्रेणी एसी कोच में 8 वेटिंग मिल रही है। ट्रेन नंबर 52459 कालका-शिमला एक्सप्रेस के विस्टाडोम कोच में चार वेटिंग की टिकट मिल रही है।

ट्रेन नंबर 04563 कालका-शिमला के द्वितीय श्रेणी कोच में 63 सीटें खाली हैं। इसी प्रकार प्रथम श्रेणी में 13 और विस्टाडोम कोच में 4 सीटें खाली पड़ी हुई हैं जबकि ट्रेन नंबर 52457 कालका-शिमला एक्सप्रेस के एसी चेयरकार कोच में 52 और प्रथम श्रेणी कोच में 21 सीटें खाली हैं।

विश्व धरोहर कालका-शिमला सेक्शन की खूबसूरती निहारने के लिए देश-विदेश से काफी संख्या में सैलानी आते हैं। ऐसे में उन्हें परेशानी न हो, इसे देखते हुए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। एक स्पेशल ट्रेन का संचालन 12 अप्रैल से आरंभ कर दिया गया है। अगर भीड़ बढ़ती है तो कुछ अन्य स्पेशल ट्रेनों के संचालन को लेकर भी योजना तैयार की जाएगी। – नवीन कुमार, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, अंबाला मंडल।

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