पीएम नरेंद्र मोदी ने पासवान को किया याद तो चिराग ने लिख दी चुभने वाली बात….

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक दिवंगत राम विलास पासवान को लेकर कुछ ऐसी बातें सार्वजनिक की कि सांसद चिराग पासवान का जख्म उभर आया। उन्होंने बताया कि 2020 में कैसे-क्यों और क्या हुआ।

“लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और दलित राजनीति के सिरमौर दिवंगत राम विलास पासवान का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपमान किया। उस अपमान की जानकारी पर मैंने मुख्यमंत्री से दूरी बनाई। मेरे पिता को भगवान बताने वाले लोगों को इस अपमान की जानकारी थी, लेकिन वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हो लिए। मैं यह दर्द छिपाए रखना चाहता था, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातें प्रमाण के रूप में लोगों के सामने हैं।” जमुई के सांसद चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को अपने पिता दिवंगत राम विलास पासवान का दोषी बताते हुए 2020 के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने की वजह का इसी तरह खुलासा किया है। पीएम मोदी ने तेलंगाना में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि “दलितों का सम्मान सिर्फ भाजपा करती है। नीतीश कुमार खुद को पिछड़े-दलितों का हितैषी बताते हैं, लेकिन जब दलितों के सर्वमान्य नेता राम विलास पासवान को राज्यसभा भेजने में उन्हें मदद करनी चाहिए थी तो पीछे हट गए थे। ऐसे ही छद्म दलित-हितैषी नीतीश कुमार और उनके साथ जुटे दलों में हैं।”

चिराग ने पीएम मोदी और सीएम नीतीश के लिए लिखा
चिराग ने सोशल मीडिया पर लिखा है- “कुछ लोग कई बार मुझसे सवाल करते हैं कि 2020 में आपने एनडीए से अलग चुनाव लड़ने का निर्णय क्यों लिया? इसके दो कारण थे – पहला, मुझे तब भी यकीन था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमारजी के नेतृत्व में बिहार का विकास संभव नहीं था और दूसरा यह कि जिस तरह नीतीश कुमार जी ने मेरे पिता का अपमान किया था, उसे कोई पुत्र सह नहीं सकता था। मैं उस व्यक्तिगत पीड़ा को अपने अंदर ही समेटे रखना चाहता था, लेकिन तेलांगना में आदरणीय प्रधानमंत्री ने इस बात का ज़िक्र मंच से किया तो मुझे लगता है कि मैं साथियों के उस प्रश्न का जवाब अब देने की स्थिति में हूँ। मैं आभारी हूँ कि आदरणीय प्रधानमंत्री ने बात को सार्वजनिक करते हुए याद किया कि कैसे राज्यसभा चुनाव के वक्त मुख्यमंत्री ने हमलोगों के साथ सामंती व्यवहार किया था।”

चाचा पारस का नाम नहीं लिखा, काम बता दिया
चिराग ने आगे बिना नाम लिए चाचा पशुपति कुमार पारस के बारे में बहुत कुछ लिख दिया। इसके लिए उन्होंने अपने स्वाभिमान का भी जिक्र किया- “एक पुत्र के लिए पिता के आदर-सम्मान से बढ़ कर और क्या हो सकता है? मैंने एनडीए से अलग अकेले चुनाव लड़ने का संकल्प लिया, क्योंकि मुझे नीतीश कुमार का नेतृत्व अस्वीकार था। मेरी पार्टी तोड़ने वालों ने सबकुछ जानते हुए स्वार्थवश मुझ पर आरोप लगाए। उन्होंने पार्टी इसलिए तोड़ी क्योंकि वे नीतीश कुमार के साथ चुनाव लड़ना चाहते थे और मैंने ऐसा होने नहीं दिया। उस वक़्त उनके आचरण से मुझे बहुत ठेस पहुंचा। मैं दुखी हुआ था क्योंकि वे भलीभांति जानते थे कि राज्यसभा चुनाव के वक्त नीतीश कुमार ने पिताजी के साथ कैसा बर्ताव किया था। मैं समझ नहीं पा रहा था कि जिन्हें वे अपना भगवान बताते नहीं थकते थे, उनके अपमान के बावजूद अपमान करने वाले के साथ रहकर चुनाव लड़ना उन्हें कैसे मंजूर था?”

लिखा- पिता के सम्मान के सामने मंत्रीपद का लालच नहीं
चिराग ने आगे बिना नाम लिए चाचा पशुपति कुमार पारस के बारे में बहुत कुछ लिख दिया। इसके लिए उन्होंने अपने स्वाभिमान का भी जिक्र किया- “एक पुत्र के लिए पिता के आदर-सम्मान से बढ़ कर और क्या हो सकता है? मैंने एनडीए से अलग अकेले चुनाव लड़ने का संकल्प लिया, क्योंकि मुझे नीतीश कुमार का नेतृत्व अस्वीकार था। मेरी पार्टी तोड़ने वालों ने सबकुछ जानते हुए स्वार्थवश मुझ पर आरोप लगाए। उन्होंने पार्टी इसलिए तोड़ी क्योंकि वे नीतीश कुमार के साथ चुनाव लड़ना चाहते थे और मैंने ऐसा होने नहीं दिया। उस वक़्त उनके आचरण से मुझे बहुत ठेस पहुंचा। मैं दुखी हुआ था क्योंकि वे भलीभांति जानते थे कि राज्यसभा चुनाव के वक्त नीतीश कुमार ने पिताजी के साथ कैसा बर्ताव किया था। मैं समझ नहीं पा रहा था कि जिन्हें वे अपना भगवान बताते नहीं थकते थे, उनके अपमान के बावजूद अपमान करने वाले के साथ रहकर चुनाव लड़ना उन्हें कैसे मंजूर था?”

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