IMF नए साल में भारत को देने वाला है बड़ा झटका, ऐसे हुआ ये बड़ा खुलासा

केंद्र की मोदी सरकार को इकोनॉमी के मोर्चे पर नए साल में नई चुनौतियां मिल सकती हैं. दरअसल, अलग-अलग रेटिंग एजेंसियां ये अनुमान लगा रही हैं कि आर्थिक सुस्‍ती आगे भी बरकरार रहेगी.

वहीं अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि आईएमएफ जनवरी में भारत की वृद्धि के अपने अनुमान में उल्लेखनीय कमी कर सकता है. एक कार्यक्रम में गोपीनाथ ने कहा, ‘हम अपने आंकड़ों को संशोधित करते हुए जनवरी में नए आंकड़े जारी करेंगे. इसमें भारत के मामले में उल्लेखनीय रूप से कमी आ सकती है.’

5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्‍य पर संशय

इसके साथ ही गोपीनाथ ने सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्‍य पर संशय जताया. उन्‍होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को पिछले 6 साल के 6 फीसदी की ग्रोथ रेट के मुकाबले बाजार मूल्य पर 10.5 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ हासिल करनी होगी. वहीं स्थिर मूल्य के लिहाज से इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए 9 फीसदी तक की वृद्धि जरूरी है.

पहली महिला डॉक्टर को लेकर वैज्ञानिकों का बड़ा खुलासा, वास्तव में कोई…

इसके साथ ही गीता गोपीनाथ ने चेताया कि यही हालात रहे तो राजकोषीय घाटा 3.4 फीसदी के दायरे से आगे निकल सकता है. बता दें कि आईएमएफ ने अक्टूबर में भारत की 2019 की आर्थिक वृद्धि की दर को 6.1 फीसदी और 2020 में इसके सात फीसदी तक पहुंच जाने का अनुमान लगाया.

6 साल के निचले स्‍तर पर जीडीपी

सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 4.5 फीसदी पर पहुंच गई. यह 6 साल का निचला स्‍तर है. वहीं लगातार 6 तिमाही से ग्रोथ रेट में गिरावट आ रही है. यही नहीं, आगे भी हालात ठीक नहीं दिख रहे हैं. मूडीज समेत कई रेटिंग एजेंसियां भारत के विकास दर अनुमान में कटौती कर चुकी हैं.
Back to top button