यूपीएससी में नोएडा का परचम: कई मेधावियों का सिविल सेवा में चयन, वरदाह खान की 18वीं रैंक

नोएडा सेक्टर- 82 स्थित विवेक विहार निवासी वरदाह खान ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में 18वीं रैंक हासिल करके टॉप-20 में जगह बनाई है। रिजल्ट देखने के बाद वरदाह की आखें नम हो गईं और पहला शब्द निकला यह धैर्य का परिणाम है। वरदाह बताती हैं कि तैयारी के दौरान कई मुश्किलें आईं, लेकिन मैंने आत्मविश्वास बनाए रखा। इसका लाभ बेहतर परिणाम के रूप में मिला। उनकी विदेश सेवा में रुचि है। वहीं, जैसे ही यूपीएससी का रिजल्ट आया वैसे ही घर में बधाई के लिए रिश्तेदारों के फोन आने शुरू हो गए।

वरदाह ने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। उन्होंने 10वीं की पढ़ाई इलाहबाद के सेंट मेरी स्कूल और 12वीं की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय ओल्ड कैंट से पूरी की। इसके बाद आगे की पढ़ाई वरदाह ने दिल्ली विश्वविद्यालय के खालसा कॉलेज से की। 2021 में बी-कॉम करने के बाद आठ महीने तक निजी कंपनी में कार्य किया। इस दौरान यूपीएससी की तैयारी करने की सोची और नौकरी छोड़कर तैयारी शुरू कर दी। वरदाह ने बताया कि यह सफर मुश्किल था। इसलिए शुरुआत में मैंने छोटे-छोटे टारगेट बनाकर पढ़ाई की। सबसे पहले एनसीईआरटी से पढ़ाई शुरू की। इससे मेरा बेस अच्छा हो गया। उसके बाद स्टैंडर्ड किताबों का सहारा लिया। वो अभ्यार्थियों को सलाह देती हैं कि प्री और मेन्स की एक साथ तैयारी करें। दोनों की तैयारी एक साथ करें, तभी बेहतर रिजल्ट पाएंगे।

सिलेबस को अच्छे से पढ़ें
वरदाह ने बताया कि सबसे पहले अभ्यर्थी को सिलेबस पढ़ना चाहिए। तभी वह जान पाएंगे की यूपीएससी क्या चाहता है। बहुत से अभ्यर्थी बिना सिलेबस देखे तैयारी शुरू कर देते हैं। इससे उनको परीक्षा पास करने में समय लग जाता है। साथ ही, सोच समझकर वैकल्पिक विषय का चुनाव करना चाहिए। मैंने समाजशास्त्र विषय का चुनाव किया था। पुराने टॉपर्स के इंटरव्यू भी देखे थे।

घर में ऑनलाइन की पढ़ाई
वरदाह ने बताया कि उन्होंने घर में रहकर पढ़ाई की है। करेंट अफेयर्स के लिए अंग्रेजी व हिंदी के न्यूजपेपर पढ़ती थी। ऑनलाइन कोचिंग का भी सहारा लिया। परीक्षा पास करने के लिए दिन में पांच से छह घंटे पढ़ाई की। 9 साल पहले पिता का निधन वरदाह खान मूल रूप से इलाहाबाद के मुट्ठी गंज की रहने वाली है। वरदाह के पिता का 9 वर्ष पहले निधन हो गया था। वह अपनी मां अफसर जहां के साथ रहती हैं। उनकी मां केंद्रीय विद्यालय से रिटायर्ड शिक्षिका है।

आकाश वर्मा की ऑल इंडिया 20 वीं रैंक
सेक्टर-93 एक्सप्रेस व्यू अपार्टमेंट में रहने वाले आकाश वर्मा की ऑल इंडिया 20वीं रैंक आई है। डिफेंस एकाउंट सर्विस में कार्यरत आकाश दो वर्ष की ट्रेनिंग पर हैं। उन्होंने दिल्ली से 10वीं और 12वीं परीक्षा पास की। उनके 10वीं में 9.6 सीजीपीए और 12वीं में 92 प्रतिशत अंक आए थे। इसके बाद आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया, फिर कोलकाता के आईआईएम से एमबीए किया। आकाश ने बताया कि वह 2018 से यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। शुरुआत में उन्होंने वैकल्पिक विषय के लिए कोचिंग ली थी। करेंट अफेयर्स के लिए नियमित रूप से हिंदी और अंग्रेजी के अखबार पढ़े। मूल रूप से आंबेडकर नगर के बिशुनपुर गांव निवासी आकाश के पिता आरजे वर्मा गुरुग्राम के पंजाब नेशनल बैंक में महाप्रबंधक हैं और मां इंदु वर्मा गृहिणी हैं।

शैफाली अवाना – 606 रैंक
सेक्टर- 41 निवासी शैफाली ने यूपीएससी की परीक्षा में 606 रैंक हासिल की है। वर्तमान में वह सेक्टर-39 स्थित राष्ट्रीय कैंसर निवारण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईसीपीआर) में बतौर असिस्टेंट ग्रेड टू के पद पर कार्यरत हैं। जब रिजल्ट आया उस दौरान वह ऑफिस में थी। उन्होंने यह सफलता छठी बार में प्राप्त की है। शैफाली ने इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन से बीटेक किया है।

शैफाली ने 10 वींं और 12वीं की पढ़ाई खेतान पब्लिक स्कूल से की है। 2017 से यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी। शैफाली ने बताया कि ऑफिस से आने के बाद रात को पढ़ाई करती थी। ऑफिस में लंच के दौरान रिवीजन करती थी। शैफाली के पिता सतीश अवाना दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं और मां ललिता अवाना गृहिणी हैं। इनकी सफलता से परिवार के लोग बहुत खुश हैं।

आयुष चौधरी – 723 रैंक
सेक्टर-78 महागुन मजारिया निवासी आयुष मनी चौधरी ने दूसरे प्रयास में 723 रैंक हासिल की है। उनकी सफलता से परिवार के लोग बहुत खुश हैं। उन्होंने दिल्ली के सरदार पटेल स्कूल से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की है। 10वीं में उनके 9.8 सीजीपीए और 12वीं में 90 प्रतिशत अंक आए। इसके बाद आईआईटी भुवनेश्वर से बीटेक व एमटेक किया। इसी दौरान आयुष ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

आयुष ने बताया कि तैयारी से पहले मैंने रोड मैप बनाया। पाठ्यक्रम के सीमित संसाधन रखे, ताकि अभ्यास अच्छे से कर सकूं। उनके पिता अरविंद्र चौधरी भारतीय आर्थिक सेवा में हैं, जबकि मां अनिता चौधरी गृहणी हैं। वह बताते हैं कि और बेहतर रैंक प्राप्त करने के लिए आगे भी यूपीएससी की परीक्षा देंगे।

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