बीकेयू ने पंजाब में भाजपा नेताओं के घर घेरे, टोल फ्री करवाए, हरियाणा में ट्रैक्टर मार्च

केंद्र के साथ बैठक से पहले किसान बोले कि सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए अध्यादेश लाए। चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता आज होगी।

फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी एवं कर्जमाफी समेत 12 मांगों को लेकर दिल्ली कूच पर अड़े पंजाब के किसान शनिवार को भी शंभू बॉर्डर पर डटे रहे। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) उगराहां ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के घरों के बाहर प्रदर्शन किया और राज्यभर में टोल प्लाजा फ्री करवाए।

उगराहां ग्रुप से जुड़े किसानों ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ व पूर्व मंत्री केवल सिंह ढिल्लों के आवास के बाहर तंबू गाड़कर धरना दिया और नारेबाजी की। यह धरना अगले दो दिन चलेगा।

उधर, हरियाणा में बीकेयू चढ़ूनी ग्रुप ने तहसीलों में ट्रैक्टर मार्च निकाला। किसान आंदोलन के पांचवें दिन शनिवार को भी शंभू, खनौरी-दातासिंह वाला बॉर्डर पर शांति रही। पंजाब पुलिस के स्पेशल एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर ने स्थिति का जायजा लिया। पटियाला में कैप्टन के आवास मोती महल के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है।

रविवार को केंद्रीय मंत्रियों के साथ चंडीगढ़ में शाम छह बजे चौथे दौर की वार्ता होगी। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने मांग उठाई है कि केंद्र सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी पर अध्यादेश लेकर आए। रविवार को बैठक में तीन केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और किसान संगठनों के नेता भी शामिल होंगे।

इस बैठक पर सबकी निगाहें टिकीं हैं। पिछली बैठक में केंद्रीय मंत्रियों ने पेपर वर्क के लिए समय मांगा था। किसान संगठनों ने एमएसपी, सी2 प्लस 50 फीसदी और कर्ज माफी जैसे मुद्दे प्रमुखता से उठाए थे जिन पर बात नहीं बन पाई थी।

अध्यादेश लाएं, प्रमुख बिंदुओं पर हो विस्तृत बात: डल्लेवाल
संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक दल के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवण सिंह पंधेर ने शनिवार को शंभू बॉर्डर पर प्रेस वार्ता की। डल्लेवाल ने कहा कि केंद्र सरकार एमएसपी पर कानूनी गारंटी के अलावा किसानों की कर्जमाफी और बिजली अधिनियम रद्द करने पर अध्यादेश लेकर आए। इस बीच, चाहे तो केंद्र सरकार किसानों की मांगों पर बने अध्यादेश को लागू करने के लिए सभी प्रमुख बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक बातचीत कर ले। इससे पहले भी केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों पर अध्यादेश लेकर आई थी।

आर्थिक बोझ बढ़ने के तथ्य पर गुमराह कर रही सरकार: पंधेर
सरवण सिंह पंधेर ने कहा केंद्र सरकार किसानों को धान और गेहूं पर एमएसपी दे रही है। बाकी 23 फसलों पर एमएसपी दिए जाने पर जिस प्रकार केंद्र सरकार यह प्रचार कर रही है कि इससे देश पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा, यह गलत तथ्य फैलाए जा रहे हैं। सरकार कह रही है कि 23 फसलों पर एमएसपी देने पर करीब ढाई लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें 36 हजार करोड़ रुपये के खर्च का ही दावा किया गया है।

मोदी सरकार किसानों के लिए अभिशाप : खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की। उन्होंने मोदी सरकार को देश के किसानों के लिए अभिशाप बताया और कहा कि लगातार झूठी ‘मोदी गारंटी’ के कारण 750 किसानों के जान पहले आंदोलन में गई थी और दूसरे आंदोलन में अब तक एक किसान की मौत हो गई है, जबकि 3 की आंखों की रोशनी चली गई है।

यूपी, हरियाणा, उत्तराखंड़ और दिल्ली में 21 को प्रदर्शन
किसान आंदोलन के समर्थन में भाकियू (टिकैत) की पंचायत में 21 फरवरी को यूपी, हरियाणा, उत्तराखंड़ और दिल्ली के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन का एलान किया है। वहीं, 26 और 27 फरवरी को किसान हरिद्वार से गाजीपुर तक अपने-अपने क्षेत्र में हाईवे पर दिल्ली की ओर ट्रैक्टर खड़े कर विरोध जताएंगे। हाईवे वनवे कराकर वाहनों का आवागमन भी जारी रहेगा। मुजफ्फरनगर के किसान भवन पर भाकियू की मासिक पंचायत में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड़ और दिल्ली के पदाधिकारी शामिल हुए। 

Back to top button