दिल्ली से सटे हापुड़ जिले के पिलखुवा में पुलिस हिरासत में एक किसान नेता की हुई मौत

 दिल्ली से सटे हापुड़ जिले के पिलखुवा में पुलिस हिरासत में एक किसान नेता की मौत हो गई। इस घटना से लोगों में पुलिस के खिलाफ आक्रोश है। बवाल की आशंका के मद्देनजर अपर पुलिस अधीक्षक सर्वेश कुमार मिश्रा, उपजिलाधिकारी विशाल यादव ने कोतवाली में डेरा डाल लिया है।

इसी के साथ संभावित बवाल के मद्देनजर क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। कोतवाली के आसपास का बाजार बंद करा दिया गया है। किसान नेता का शव मेरठ मेडिकल कॉलेज में है। मृतक के परिजन दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। वहीं, कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर थाना प्रभारी निरीक्षक योगेश बालियान, उपनिरीक्षक अजब सिंह और कॉन्स्टेबल मनीष चौहान को सस्पेंड कर दिया गया है।

क्या है मामला

यहां पर बता दें कि 30 अगस्त को लाखन गांव के जंगल में एक महिला की जली अवस्था में लाश मिली थी। मामले की जांच करते हुए रविवार शाम पुलिस ने लाखन गांव निवासी प्रदीप तोमर (30) को शक के तौर पर हिरासत में लिया। आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान प्रमोद तोमर के साथ बेरहमी से मारपीट की। जिस कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई। गंभीर हालत में उसे नगर के एक अस्पताल में ले जाया गया। जहां से उसे मेरठ रेफर कर दिया गया। देर रात पीड़ित की मेरठ के अस्पताल में मौत हो गई। बताया जाता है कि जिस महिला की लाश थी वह किसान नेता की सहलज थी।

ग्रामीणों में आक्रोश

वहीं, किसान नेता की पुलिस हिरासत में मौत की सूचना पर ग्रामीणों में आक्रोश है। परिजन एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मेरठ रवाना हो गए है। मेरठ से शव गांव में आने के बाद हंगामे की संभावना व्यक्त की जा रही है। मृतक के दोनों बेटों राहुल और नितिन का रो-रोकर बुरा हाल है। बवाल की आशंका के मद्देनजर कोतवाली और गांव लाखन में धौलाना, हाफिजपुर थाना पुलिस के अलावा पीएएसी तैनात है। कोतवाली के पास स्थित गांधी बाजार की दुकानें बंद करा दी गई है।

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