मौसम विभाग के मुताबिक अगले 2 घंटे में बदलेगा मौसम का मिजाज, दिल्ली-NCR में आंधी के आसार

 दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में तेज धूप और तापमान में इजाफे के साथ गर्मी भी जबरदस्त अंदाज में कहर बरपाते हुए सताने लगी है। वहीं, मौसम विभाग के ताजा अनुमान के मुताबिक बृहस्पतिवार को दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, खतौली, बढ़ौत (उत्तर प्रदेश) के अलावा कुरुक्षेत्र, पानीपत, गन्नौर, सोनीपत और करनाल में अगले दो घंटे के दौरान धूल भरी आंधी के साथ बूंदाबादी हो सकती है, लेकिन इससे गर्मी से राहत नहीं मिलेगी।

धूल भरी आंधी की आशंका

मौसम विभाग बुधवार को ही अनुमान जता चुका था कि बृहस्पतिवार को धूल भरी आंधी भी परेशान कर सकती है। तेज हवा के साथ बादल गरज सकते हैं, लेकिन इससे गर्मी से कोई खास राहत मिलने की संभावना नहीं है। बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री, जबकि न्यूनतम तापमान 28 डिग्री रह सकता है।

इससे पहले बुधवार का दिन इस मौसम का सबसे गर्म दिन रहा। अधिकतम तापमान 41.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री अधिक है। पालम में पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। न्यूनतम तापमान 27.1 डिग्री सेल्सियस था और यह भी सामान्य से चार डिग्री ज्यादा है। वहीं, आया नगर में अधिकतम तापमान 42.8 और रिज क्षेत्र में 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले मंगलवार को अधिकतम तापमान 40.3 डिग्री, जबकि न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। वहीं, गुरुग्राम में अधिकतम तापमान 43 और गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद में 42 डिग्री दर्ज किया गया।

दक्षिण हरियाणा में सबसे गर्म रहा नारनौल

दक्षिण हरियाणा के नारनौल में अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 23.3 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, रेवाड़ी का अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 16.5 दर्ज किया गया। फरीदाबाद, पलवल और नूंह जिले में भी अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड किया गया।

इस साल सर्दी ने जहां मार्च तक सताया, वहीं गर्मी भी अब रुलाने को तैयार है। मौसम विभाग के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन की वजह से इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ेगी। दिल्ली-एनसीआर का तापमान सामान्य से ऊपर तो अभी से पहुंच गया है। धीरे-धीरे इसमें और इजाफा होगा। मई और जून के महीने में तेज लू चलेगी। वहीं, इस बार जुलाई से पूर्व मानसून भी आने के आसार नहीं दिख रहे हैं।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक दिल्ली एनसीआर के साथ-साथ पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि राज्य ‘कोर हीट वेव जोन’ में आते हैं। इन सभी में अप्रैल और मई के बीच तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना तकरीबन 37 फीसद है। हालांकि, बीच बीच में पश्चिमी विक्षोभ आने से इन राज्यों में लोगों को राहत मिलती रहती है। लेकिन, इस बार इसकी भी बहुत कम संभावना है। मालूम हो कि वर्ष 2018 में भी गर्मी ने लोगों को बेहद परेशान किया था।

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक भूमध्य रेखा के आसपास प्रशांत क्षेत्र में अल-नीनो का प्रभाव रहता है। इसमें प्रशांत महासागर में समुद्री सतह का तापमान भी असामान्य रूप से बढ़ जाता है। इससे पूरे एशिया के मौसम पर प्रभाव पड़ता है। साथ ही यह भारत में मानसूनी बारिश पर भी प्रभाव डालता है।

स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने भी स्वीकार किया कि सर्दी के बाद इस बार गर्मी भी अच्छी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जिन मॉडलों को आधार बनाकर पूर्वानुमान तैयार किया जाता है, उनमें ज्यादा राहत की फिलहाल कोई संभावना नहीं है। पलावत के मुताबिक जोर पकड़ती गर्मी का असर लोकसभा चुनाव पर भी पड़ना तय है। दिल्ली और हरियाणा में छठे चरण के तहत 12 मई को होने वाले मतदान के दौरान भी गर्मी अपने चरम पर होगी।

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