जिंदगी में निराशा छाने लगे तो खुद को दें बढ़ावा, ये टिप्स भरेंगे आप में जोश

परिवार डेस्क/जयपुर। भले ही आप मन से कितनी ही मजबूत क्यों न हों लेकिन आपकी जिंदगी में कभी न कभी ऐसी परिस्थितियां जरूर आई होंगी, जब आप निराश हुई होंगी। यह वह समय होता है जब आप खुद को बहुत सी जिम्मेदारियों के बोझ तले दबा हुआ पाती हैं और उनको सही से नहीं निभा पाने का जिम्मेदार खुद को ही ठहराती हैं। इस वजह से आप खुद को हारा हुआ महसूस करती हैं। हालांकि, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी जिंदगी में कितनी समस्याएं हैं, जब तक आप खुद को प्रोत्साहित करती रहती हैं, तब तक आपको कोई नहीं हरा सकता। अगर आप अपनी मुश्किलों का सामना डटकर करना चाहती हैं और जीतना चाहती हैं, तो आपको खुद को प्रेरित करना और बढ़ावा देना सीखना होगा। जानते हैं, आप खुद में जोश कैसे भर सकती हैं।

जिंदगी में निराशा छाने लगे तो खुद को दें बढ़ावा, ये टिप्स भरेंगे आप में जोश

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खुद पर न करें शक

कभी-कभी आपको खुद पर, अपने निर्णयों पर शंका होती होगी और ऐसा होना एक हद तक सही भी है क्योंकि यह आपको अतिविश्वास से बचाता है। हालांकि, याद रखें कि अगर आपके साथ अक्सर ऐसा होता है तो यह आपके आत्मविश्वास और आपकी जिंदगी पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। अगर आप अपने संबंधों या अपने लक्ष्य या अपने कॅरियर को लेकर संदेह में हैं, तो इसका मतलब साफ है कि आपको अपनी जिंदगी में बदलाव की जरूरत है। अपनी शंकाओं पर ध्यान देने के बजाय आपको सकारात्मक तरीके से सोचना चाहिए और अपने डरों को बढ़ावा देने के बजाय खुशी के कारणों को बढ़ावा देना चाहिए।

जो आता है वही करें

हर किसी का अपना एक कंफर्ट जोन होता है, यानी ऐसा काम जिसे करने में वह माहिर हो। हालांकि, आजकल बहुत से लोग अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने को महत्वपूर्ण मानते हैं, जबकि ऐसा करना जरूरी नहीं है। अगर कोई काम करना आपको अच्छा लगता है, तो आपको वही करना चाहिए। खुद को उससे कुछ अलग करने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। ऐसा करने की वजह से आप परेशान हो सकती हैं और खुद को हारा हुआ महसूस कर सकती हैं। अत: वही काम करें जिसमें आपको खुशी मिले और जिसमें आप माहिर हों, इससे आप खुद को आगे बढऩे के लिए प्रेरित कर सकेंगी।

अपने पैशन पर करें काम

हो सकता है कि आप कुछ भी नहीं करना चाहती हों, लेकिन एक पल के लिए उस काम के बारे में सोचिए जो आपके चेहरे पर मुस्कान ला सकता है। वह कुछ भी हो, उसे तुरंत शुरू कीजिए। यह सोचकर खुद को शर्मिंदा मत कीजिए कि आप कोई अधिक जरूरी काम नहीं कर रही हैं। बस यह सोचिए कि यह काम आपकी उदासी को दूर कर सकता है और आपको बेहतर महसूस करवा सकता है। जब भी आप निराश हों या हारा हुआ महसूस करें, तो वह काम कीजिए जिससे आपको खुशी मिले, चाहे वह ड्रॉइंग करना हो, कुकिंग हो, किसी खास व्यक्ति से बात करना हो या ट्रिप पर जाना हो। 

बेस्ट दिन के बारे में सोचिए

याद रखें कि अपनी सबसे अच्छी चीजों या अनुभवों के बारे में सोचकर, आप अपनी हताशा से लड़ सकती हैं। भूल जाइए कि आप कहां हैं, आप किस परिस्थिति में हैं और किन मुश्किलों से गुजर रही हैं। बस अपनी आंखें बंद कीजिए और अपने सबसे अच्छे दिनों के बारे में सोचिए, जहां आप सकारात्मक, प्रोडक्टिव और प्रोत्साहित होती हैं। यकीन मानिए, आपको ऐसा करके वाकई बहुत अच्छा लगेगा। अब चूंकि आपको पता है कि आपके अच्छे दिनों में आप कैसा महसूस करती हैंं, तो उन्हीं अहसासों को अपने मौजूदा पल में शामिल करने की कोशिश करिए। ऐसा करने से आप अपने खराब दिन को भी अच्छा बना सकती हैं।

कहीं और फोकस कीजिए

बहुत ज्यादा सोचना भी आपकी परेशानी का एक बड़ा कारण हो सकता है। कई बार समस्या उतनी बड़ी होती नहीं है, जितना हम उसके बारे में सोचकर उसे बना देते हैं। ऐसे समय में आप समस्या के साथ-साथ अपनी गलतियों, कमियों और विफलताओं के बारे में सोचकर खुद को और निराश कर लेती हैं।

जब भी ऐसा हो तो, आपको अपना ध्यान कहीं और लगाना चाहिए। ऐसे समय में खुद के बारे में सोचने के बजाय, किसी और के बारे में सोचिए। हो सकता है कि ऐसा करके आप किसी की मदद कर पाएं और यकीनन ही किसी की सहायता करके आप खुद को बेहतर महसूस करवा पाएंगी।

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