राज्यसभा में पेश होगा तीन तलाक बिल, कमेटी रिव्यू की मांग पर अड़ा विपक्ष
तीन तलाक के खिलाफ लोकसभा में पारित हुए बिल पर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि राज्यसभा से पहले राजनीतिक माहौल काफी गरमाया हुआ है। केंद्र सरकार उम्मीद कर रही है कि राज्यसभा में बिल को आम सहमति से पारित कर दिया जाएगा, लेकिन विपक्ष इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की लगातार अपील कर रहा है।
सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस से इस गंभीर मुद्दे पर लगातार बातचीत की जा रही है और उम्मीद की जा रही है कि राज्यसभा में बिना किसी विरोध के यह पारित हो जाएगा। वहीं कम्युनिस्ट नेता डी राजा ने कहा कि लेफ्ट पार्टियां इस पर विचार कर रही हैं और इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए। डी राजा ने कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण के नाम पर फैसला ले तो रही हैं, लेकिन मुस्लिम महिलाओं और उनके संगठनों को ये मौका भी नहीं दिया गया कि वो अपना पक्ष रख सके।
डीएमके सांसद कन्नीमोजी ने कहा कि ट्रिपल तलाक बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए।
दरअसल, भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन संगठन ने तीन तलाक बिल में तलाक ए अहसन को भी शामिल करने की मांग की है। यह तलाक की एक प्रक्रिया है जिसमें मध्यस्थता अनिवार्य है और इसमें 90 दिन की मोहलत मिलती है। संगठन ने इसके लिए राज्यसभा सांसदों को पत्र भी लिखा है।
एकबार में तीन तलाक देने के खिलाफ संगठन ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसने अपने पत्र में कहा कि तलाक ए अहसन को बिल में शामिल किया जाना चाहिए। यह सुविधा पति और पत्नी दोनों को मिलनी चाहिए, जिससे महिलाओं के साथ अन्याय नहीं हो।
तीन तलाक मामले की याचिकाकर्ता इशरत जहां ने शनिवार को भाजपा का दामन थाम लिया। प्रदेश भाजपा महासचिव सायंतन बसु ने बताया कि इशरत ने हावड़ा स्थित पार्टी दफ्तर में आकर भाजपा ज्वाइन की। उल्लेखनीय है कि दुबई में काम करने वाले इशरत के शौहर ने उन्हें फोन पर ही तलाक दे दिया था। उसके बाद उन्होंने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
भाजपा का दामन थामने के बाद इशरत ने पत्रकारों से बात नहीं की। उनके करीबियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इशरत समाज से कट गई थीं और आस-पास के लोग उनको हेय निगाहों से देख रहे थे। उनमें अपने भविष्य के प्रति असुरक्षा घर कर रही थी।
इस वजह से उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया। भाजपा की महिला मोर्चा की अध्यक्ष लाकेट चटर्जी ने कहा है कि वह केंद्र सरकार से इशरत को नौकरी देने की अपील करेंगी। इशरत भारी वित्तीय तंगी के दौर से गुजर रही हैं।