बिहार: 117 दिनों से कुछ नहीं खाया-पीया इस लड़के ने, नहीं पता चल रहा बीमारी का

नवादा. नवादा जिले के सिरदला थाना क्षेत्र का रहनेवाला मनीष कुमार पिछले 117 दिनों से ना तो खाना खाया है और ना ही पानी पी रहा है। परिजनों के मुताबिक, जब भी कुछ खाता या पीता है तो उल्टी हो जाती है। मनीष खनपुरा पंचायत के कर्मा खुर्द गांव का रहनेवाला है। मनीष के पिता अजय सिंह राजमिस्त्री हैं। 

बिहार: 117 दिनों से कुछ नहीं खाया-पीया इस लड़के ने, नहीं पता चल रहा बीमारी का

पकड़ में नहीं आ रही बीमारी… 

परिवार में पत्नी के अलावा चार बेटी और दो बेटे हैं। मनीष के खाना-पानी नहीं लेने से पूरा परिवार परेशान है। अजय सिंह ने बताया कि पहले मनीष का इलाज रजौली के एक निजी नर्सिंग होम में कराया गया। जून में गया के डॉ. अभय नारायण के यहां इलाज कराया। तीन दिनों तक रखा और जांच कराई। डॉ. अभय नारायण के मुताबिक, मनीष को कोई बीमारी नहीं है। सब कुछ नॉर्मल है, लेकिन वहां से लौटने के छह दिनों बाद मनीष बेहोश होने लगा। एक घंटे बाद होश आता था फिर नॉर्मल रहता था। जून में ही पटना में डॉ. वीके चौधरी के यहां इलाज कराया गया। डॉ. चौधरी ने भी किसी बीमारी होने से इनकार किया। मनीष के पिता के आग्रह पर सिटी स्कैन कराया गया, लेकिन रिपोर्ट नॉर्मल निकली।

भूत-पिशाच के लिए झाड़-फूंक भी करवाया

अजय सिंह के मुताबिक, पटना से आने के बाद जून तक खाने के लिए फल दिए। जून के 30 तारीख के बाद सब कुछ खाना बंद कर दिया। परिजनों को आशंका हुई कि भूत-पिशाच का मामला है। झाड़ फूंक भी कराया, लेकिन उससे भी मदद नहीं मिली। इसके बाद डॉक्टर बीरेंद्र कुमार के यहां इलाज कराया, तब उन्होंने भूख और लीवर की दवा दी। मनीष को सीरप पिलाया गया तो उसने उलटी कर दिया। इस बीच, गया के आसपास एक मौलाना के पास ले गया तो उन्होंने एक बर्फी दी, जिससे वह खाया भी और उनका दिया हुआ पानी भी पीया।

न्यूरो साइकट्रीक के पास 72 घंटे रहने के बाद ही सही चीजें निकल कर आएंगी

डॉ. दिवाकर तेजस्वी के मुताबिक, साइंस के अनुसार माइंड को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए ग्लूकोज जरूरी है। मेरी सलाह है कि किसी न्यूरो साइकट्रीक के पास जाएं। वहां डॉक्टर 72 घंटे अपने पास रख कर जांच करेंगे तो बीमारी सामने आ जाएगी।

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मई में हुआ था बेहोश

अजय सिंह के मुताबिक, घटना मई 2017 की एक रात की है। मनीष घर में बैठकर पढ़ाई कर रहा था। अचानक वह बेहोश हो गया। तब मनीष को रजौली के एक निजी नर्सिंग होम भर्ती कराया, जहां उसकी नाजुक हालत को देखते हुए ऑक्सीजन लगाकर गया रेफर कर दिया, लेकिन गया में मनीष को नॉर्मल बताया।

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