तमिलनाडु में सत्ता की जंग तेज, शक्ति परीक्षण के लिए अपना-अपना दावा

तमिलनाडु में सत्ता की जंग तेज हो गई है. विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए दोनों ही गुट अपना-अपना दावा कर रहे हैं. इस बीच तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव से मिलने पन्नीरसेल्वम राजभवन पहुंचे. दोनों की मुलाकात तकरीबन आधा घंटा चली. शाम 7 बजे शशिकला राज्यपाल से मिलेंगी. 

राज्यपाल से मुलाकात के बाद पन्नीरसेल्वम ने कहा कि वो अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए तैयार हैं, क्योंकि दबाव डालकर उनसे इस्तीफा लिया गया था. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि राज्यपाल से फिलहाल कोई आश्वासन नहीं दिया है, उन्होंने शशिकला से मुलाकात के बाद अपनी राय देंगे.

पोएस गार्डन में मीटिंग जारी
राज्यपाल से मिलने से पहले शशिकला एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेताओं के साथ पोएस गार्डन में मीटिंग कर रही हैं. शशिकला का दावा है कि 134 में 132 विधायक उनके साथ हैं. दूसरी ओर पन्नीरसेल्वम 50 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं. अब राज्यपाल को फैसला करना है. पन्नीरसेल्वम ने शशिकला गुट पर विधायकों का अपहरण कर उन्हें बंधक बनाने का आरोप लगाया है.

पन्नीरसेल्वम कैसे हो गए बागी?
तीन दिन पहले शशिकला के सीएम बनने के लिए खुद इस्तीफा देने वाले पन्नीरसेल्वम मंगलवार शाम अचानक बागी हो गए और उन्होंने शशिकला पर कई गंभीर आरोप लगाए. दूसरे ओर शशिकला ने भी मोर्चा खोल दिया और पन्नीरसेल्वम को जहां गद्दार और झूठा कहते हुए पार्टी से और कोषाध्यक्ष पद से निष्कासित कर दिया. हालांकि, पन्नीरसेल्वम नहीं माने और उन्होंने दो बैंकों को निर्देश दिया है कि बगैर उनके आदेश के पार्टी के खाते से कोई लेन-देन ना हो. डीएमके ने तमिलनाडु में दोबारा चुनाव कराने की मांग की है.

सूत्रों के मुताबिक अगर शशिकला और पन्नीरसेल्वम बहुमत साबित ना कर पाए तो डीएमके नए चुनाव की मांग करेगी.तमिलनाडु की सियासी हलचल पर गवर्नर का रुख साफ नहीं है.

अभिनेता कमल हसन ने इंडिया टुडे को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में ओ पन्नीरसेल्वम का समर्थन किया. साथ ही उन्होंने शशिकला को पीछे हट जाने की सलाह भी दी.

पन्नीरसेल्वम ने बुधवार को कहा कि अन्नाद्रमुक के स्थायी महासचिव पद के लिए जल्द ही चुनाव होगा. बुधवार को पन्नीरसेल्वम ने कहा कि जयललिता के स्वास्थ्य संबंधी संदेहों की जांच करने के लिए जांच आयोग गठित किया जाएगा.

जाने माने विधि विशेषज्ञ सोली सोराबजी ने कहा है कि तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव को अन्नाद्रमुक प्रमुख वीके शशिकला का शपथग्रहण टाल देना चाहिए और उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए.

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