केंद्र सरकार ने पिछले साल के मुकाबले 388.33 करोड़ रुपये अधिक बजट बढ़ाया

बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली एम्स को 2024-25 के लिए 4,523 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह पिछले साल के मुकाबले 388.33 करोड़ रुपये अधिक है।

राजधानी में केंद्र सरकार के अस्पतालों में आधुनिक सुविधाओं को बढ़ाने के लिए बजट में खास प्रावधान किए गए हैं। इसके लिए एम्स और डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के बजट में 300 से 400 करोड़ रुपये का इजाफा किया गया है। बढ़े हुए बजट की मदद से एम्स आने वाले दिनों में आधुनिक जांच मशीनें, रोबोटिक उपकरण और स्वास्थ्य देखभाल में अनुसंधान को बढ़ावा देगा। साथ ही, नई सुविधाओं का विस्तार करेगा, जबकि डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आने वाले दिनों में नया सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक शुरू होगा। इसमें आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इसमें पहली बार रोबोटिक सर्जरी की मशीन भी आने की उम्मीद है। इसके अलावा कृत्रिम बुद्धिमत्ता से जुड़े कई उपकरण भी अस्पताल में जोड़े जा सकते हैं। एम्स की तर्ज पर कई प्रकार की आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।

बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली एम्स को 2024-25 के लिए 4,523 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह पिछले साल के मुकाबले 388.33 करोड़ रुपये अधिक है। इससे पहले साल 2023-24 में 4134.67 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था। 2022-23 में एम्स का बजट 4224.14 करोड़ था। डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल को इस साल 1610 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। इसमें 337.82 करोड़ रुपये का इजाफा किया गया है। पिछले साल अस्पताल को 1272.18 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था। कलावती सरन अस्पताल के बजट में 11.47 करोड़ का इजाफा किया गया है। पिछले साल अस्पताल का बजट 168.53 करोड़ था, जिसे इस बार बढ़ाकर 180 करोड़ कर दिया गया है।

इनका घटाया बजट
बजट में लेडी हार्डिंग अस्पताल को पिछली बार 768.15 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था। इस बार 18.15 करोड़ की कमी कर 750 करोड़ का बजट दिया गया है। वहीं सफदरजंग अस्पताल का बजट पिछली बार 1853.34 करोड़ था, जिसमें 19.34 करोड़ की कमी कर 1834 करोड़ आवंटित किए गए हैं। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के बजट की बात करें तो इस बार 7.9 करोड़ की कमी की गई है। संस्थान को इस साल 227.20 करोड़ आवंटित हुए हैं।

एम्स पर खास नजर
डॉक्टरों की माने तो बजट में एम्स पर खास ध्यान रखा गया है। आने वाले दिनों में एम्स को स्वास्थ्य क्षेत्र में कई जिम्मेदारी दी जानी है। एम्स आईआईटी दिल्ली व अन्य संस्थानों के साथ मिलकर स्वदेशी उपकरण विकसित करने की दिशा में काम करेगा। ऐसे में न केवल अतिरिक्त बजट की जरूरत होगी, बल्कि विशेष अनुसंधान भी किया जाएगा।

एम्स में सुविधाओं को बेहतर व विस्तार करने के लिए मशीनें खरीदी जानी हैं। इसके अलावा अनुसंधान की दिशा में भी काम किया जाएगा। इसे लेकर बजट बढ़ाने की मांग की गई थी। बजट बढ़ने के बाद इस दिशा में तेजी से काम हो सकेगा। एम्स में रोजाना 10 हजार से अधिक मरीज इलाज करवाने आते हैं। – प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा, मुख्य प्रवक्ता, एम्स

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