बड़ी खबर: केजरीवाल को सबसे बड़ा झटका, पार्टी के 20 विधायक की सदस्यता रद्द
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के लिए बुरी खबर आ रही है। सूत्रों के हवाले से चुनाव आयोग ने 20 AAP विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है। अब विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। चुनाव आयोग ने आप के 21 विधायकों को ‘लाभ का पद’ मामले में कारण बताओ नोटिस दिया था। इस मामले में पहले 21 विधायकों की संख्या थी, लेकिन जरनैल सिंह पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं।
बता दें कि केजरीवाल + सरकार ने अपने मंत्रियों के लिए विधायकों को ही संसदीय सचिव के पद पर तैनात किया था। ‘लाभ के पद’ का हवाला देकर इस मामले में सदस्यों की सदस्यता भंग करने की याचिका डाली गई थी। हालांकि, पार्टी इसे बार-बार राजनीति से प्रेरित मामला बताती रही है। पार्टी को लाभ के पद मामले में चुनाव आयोग से पहले भी झटका लगा था। चुनाव आयोग ने 21 विधायकों की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने केस को रद करने की मांग की थी।
पीएम मोदी के फिलिस्तीन दौरे की तारीख पर सस्पेंस खत्म, जानिए राजनीतिक मायने
दिल्ली सरकार ने मार्च, 2015 में आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना दिया था। इसको लेकर प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी और कांग्रेस ने सवाल उठाए थे। इसके खिलाफ प्रशांत पटेल नाम के शख्स ने राष्ट्रपति के पास याचिका लगाकर आरोप लगाया था कि ये 21 विधायक लाभ के पद पर हैं, इसलिए इनकी सदस्यता रद होनी चाहिए। दिल्ली सरकार ने दिल्ली असेंबली रिमूवल ऑफ डिस्क्वॉलिफिकेशन ऐक्ट-1997 में संशोधन किया था। इस विधेयक का मकसद संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से छूट दिलाना था, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नामंजूर कर दिया था।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने 21 विधायकों की नियुक्ति मार्च 2015 में की, जबकि इसके लिए कानून में ज़रूरी बदलाव कर विधेयक जून 2015 में विधानसभा से पास हुआ। इस विधेयक को केंद्र सरकार से मंज़ूरी आज तक मिली ही नहीं है। विपक्षी दलों ने लाभ के पद का हवाला देकर इस मामले में केजरीवाल सरकार पर जमकर निशाना साधा।