Google की सिक्योरिटी अब पहले से बेहतर

यूजर्स सिक्योरिटी हमेशा से गूगल के लिए अहम मुद्दा रहा है। इसे बेहतर बनाने के लिए कंपनी लगातार कोशिश करती रहती है। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए Google अपनी 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) प्रोसेस के लिए एक बड़ा अपडेट जारी किया है।

यह Google ऑथेंटिकेटर या हार्डवेयर सिक्योरिटी की ‘2 स्टेप’ का उपयोग करके 2FA सेटअप को सक्षम करने का एक नया तरीका है। हालांकि ऑथेंटिकेटर ऐप जोड़ने से पहले यूजर्स को अपना फोन नंबर देना पड़ता है। आइये इसके बारे में जानते हैं।

ब्लॉग पोस्ट में मिली जानकारी
अपने वर्कस्पेस अपडेट ब्लॉग पोस्ट में Google ने जानकारी दी है कि हम इसे यूजर्स के लिए आसान बना रहे हैं। कंपनी ने यह बताया कि यूजर 2-स्टेप वेरिफिकेशन (2SV) कैसे चालू कर सकते हैं। यह प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा और एडमिन के लिए अपने 2SV को लागू करना आसान बना देगा।
नए अपडेट के साथ 2FA के लिए ओटीपी-आधारित वेरिफिकेशन की अब जरूरत नहीं होगी। इसका मतलब यह है कि यूजर या तो वेरिफिकेशन एप्लिकेशन से जनरेट टाइम बेस्ड कोड चुन सकते हैं या वे एक फिजिकल सिक्योरिटी की कनेक्ट कर सकते हैं।

कैसे काम करता है फीचर
आपको बता दें कि हार्डवेयर सिक्योरिटी की वाले यूजर के पास ‘पासकी और सिक्योरिटी की पेज’ पर अपने अकाउंट को जोड़ने के लिए दो विकल्प होंगे।
यूजर सिक्योरिटी की पर FIDO1 क्रेडेंशियल रजिस्ट्रेशन करने के लिए या तो ‘सिक्योरिटी की’ विधि चुन सकते हैं या वे एक पासकी बना सकते हैं और ‘किसी अन्य डिवाइस का उपयोग करने’ के निर्देशों का पालन कर सकते हैं। यह सिक्योरिटी की पर एक FIDO2 क्रेडेंशियल रजिस्टर करता है। इसमें यूजर को लोकल वेरिफिकेशन के लिए की के पिन का उपयोग करना होगा।
Google का कहना है कि अगर यूजर ‘पासकी का उपयोग करके साइन-इन पर पासवर्ड का इस्तेमाल न करने का विकल्प चुनते हैं तो यूजर से उनके पासकी के साथ पासवर्ड मांगा जाता रहेगा। हालांकि, अगर कोई यूजर अपने अकाउंट सेटिंग से दो-स्टेप वेरिफिकेशन बंद कर देता है, तो उनके नॉमिनेशन दूसरे चरण जैसे बैकअप कोड, Google ऑथेंटिकेटर, या 2 फैक्टर फोन ऑटोमेटिकली उनके खाते से नहीं हटाया जाएगा।

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