बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति ने वित्त मंत्री को खिलाई दही-चीनी

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कई चीजों को शुभ या अशुभ दृष्टि से देखा जाता है। इसी प्रकार किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करने से पहले दही-चीनी खाने की परम्परा को भी शुभता से जोड़कर देखा जाता है। हाल ही में बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को दही-चीनी खिलाई थी, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। आइए जानते हैं इसका आध्यात्मिक कारण क्या है और इससे व्यक्ति को क्या लाभ मिल सकते हैं?

ये है धार्मिक मान्यता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले दही-शक्कर खाने से उस कार्य में सफलता प्राप्त होती है। साथ ही व्यक्ति के अटके कार्य भी पूरे होने लगते हैं। वहीं, ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखा जाए, तो दही और चीनी के सफेद रंग का संबंध चंद्रमा से माना जाता है और चंद्रमा मन का कारण होता है। ऐसे में दही-चीनी का सेवन करने से मन शांत और एकाग्र बना रहता है, जिससे वह किसी भी कार्य को ज्यादा अच्छे तरीके से किया जा सकता है। ऐसा करने से व्यक्ति को उस कार्य में सफलता मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है।

मिलते हैं कई लाभ

धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी दही-चीनी खाने का विशेष महत्व है। दही और चीनी दोनों में ही कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। ऐसे में दही-चीनी खाने से व्यक्ति के मन और मस्तिष्क दिनभर स्वस्थ और ऊर्जावान बने रहते हैं। जिस कारण व्यक्ति अपना कोई भी कार्य सकारात्मक ऊर्जा के साथ करता है और उस कार्य में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ ही दही-चीनी का सेवन करने से थकान का अनुभव भी नहीं होता है।

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