अखिलेश के ट्वीट पर नीति आयोग के एडवाइजर ने उठाए सवाल, मिला ये जवाब

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने एक ट्वीट पर घिरते दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना पर सवाल उठाते अखिलेश के इस ट्वीट पर नीति आयोग के एडवाइजर आलोक कुमार ने तथ्यों को जांचने की सलाह दे डाली है. उधर मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एडवाइजर मृत्युंजय कुमार भी अखिलेश पर तंज कर रहे हैं कि उनके ही अफसर उन्हें आईना दिखा रहे हैं.

दरअसल अखिलेश यादव ने 15 सितंबर को एक ट्वीट किया था. इसमें उन्होंने आरटीआई में मिले जवाब की एक रिपोर्ट भी शेयर की थी. इस रिपोर्ट में कहा गया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत उत्तर प्रदेश में एक भी महिला को लाभ नहीं मिला है. जबकि यूपी को 336 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. वहीं सरकारी आंकड़े के अनुसार महज 184 महिलाएं ही इसमें पंजीकृत हुई हैं.

इस रिपोर्ट के साथ अखिलेश ने लिखा कि जिनके गर्भ में देश का भविष्य पल रहा है, उनके लिए बनी योजना का निष्क्रिय पड़े रहना वास्तव में गहरी चिंता का विषय है. ये ‘घोषणाकारी सरकार’ किसी भी काम को अंजाम तक पहुँचाना नहीं जानती है. दुर्भाग्यपूर्ण!

मामले में नीति आयोग के एडवाइजर आलोक कुमार ने अखिलेश यादव के ट्वीट पर कहा कि कृपया दोबारा तथ्य जांच लें. रिपोर्ट में जो तथ्य आपने दिए हैं, उनमें तथ्यात्मक गलती है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत यूपी में 13 सितंबर 2018 तक आंकड़े इस प्रकार हैं-

पंजीकृत लाभार्थी- 8,28,032
लाभार्थियों को भुगतान- 5,80,254
कुल अवमुक्त धनराशि – 188.80 करोड़ रुपए

उधर अखिलेश के इस ट्वीट पर नीति आयोग के एडवाइजर आलोक कुमार ने सवाल उठाया तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया एडवाइजर मृत्युंजय कुमार ने भी अखिलेश यादव पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि विरोध में आंखें इतनी बंद नहीं करनी चाहिए कि फ़ैक्ट बिलकुल न दिखे. अब देखिए, आप ही के सचिव रहे अधिकारी ने आपको तथ्य का आईना दिखा दिया. डेढ़ साल में सवा करोड़ शौचालय, 15 लाख घर आपने पाँच साल में भी नहीं बनाए. एटा, इटावा, कन्नौज में भी आपकी सरकार से दुगने काम हुए.

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