33 साल बाद फिर इस सीट से चुनाव लड़ सकती हैं मायावती

सपा-बसपा गठबंधन होने के बाद बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती 33 साल बाद फिर से बिजनौर जिले की नगीना सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। बिजनौर जिले से मायावती का पुराना नाता रहा है। 1989 में मायावती राजनीति में पहली बार बिजनौर लोकसभा सीट से सांसद बनी थी। अब राजनीतिक गलियारों में मायावती के नगीना सीट से चुनाव लड़ने के संकेत मिलने से जिले की सियासत गरमा गई है। 33 साल बाद फिर इस सीट से चुनाव लड़ सकती हैं मायावती

बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपनी राजनीति की शुरूआत बिजनौर जिले से की थी। मायावती ने 1985 में तब बिजनौर की सुरक्षित सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव मैदान में पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार कांग्रेस से व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान लोकदल से चुनाव लडे़ थे। मीरा कुमार यह चुनाव जीत गई थी। मीरा कुमार को 128,086 राम विलास पासवान को 122,747 व मायावती को 61 ,504 वोट मिले थे। मायावती अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ी थी। 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में मायावती फिर से बिजनौर लोकसभा से चुनाव लड़ी और पहली बार सांसद बनी।

भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक, सपा के साथ गठबंधन होने से पहले मायावती ने नगीना समेत वेस्ट यूपी की कई सीटों का सर्वे कराया था। उन्हें नगीना की सीट अपने लिए सबसे ज्यादा मुफीद लगी। मायावती ने पार्टी के चुनिंदा नेताओं से भी नगीना सीट के बारे में विचार विमर्श किया था। 
सूत्रों के मुताबिक सपा के साथ गठबंधन के तहत मायावती पहले नगीना सीट ही लेना चाहती थी। बाद में पार्टी नेताओं ने उन्हें राय दी कि जिले की नगीना व बिजनौर सीट लेने से बसपा को फायदा होगा। तब जाकर जिले की दोनों सीटों पर बसपा ने अपना दावा ठोका। जिले के सपा नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बिजनौर लोकसभा सीट लेने को कहा था। तभी अखिलेश यादव ने जिले के नेताओं को साफ बता दिया था कि जिले की दोनों सीट बसपा के खातों में जा रही है। इसके बाद जिले के सपा नेताओं ने दोनों सीटों पर अपना दावा छोड़ दिया था।
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