शरद पवार ने कहा- ईडी की जांच में मैं पूरा सहयोग करूंगा

Money Laundering Case राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा है कि मैं खुद मनी लॉन्ड्रिंग मामले की पूरी जानकारी देने के लिए 27 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर जाऊंगा। उनके मुताबिक, मुझे मीडिया द्वारा पता चला कि ईडी के केस में मेरा नाम शामिल है। मेरे जीवन में ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब मेरे नाम पर एफआइआर हुई हो। चुनाव के कारण हो सकता है मुंबई में न रहूं लेकिन ईडी की जांच में मैं पूरा सहयोग करूंगा।

जानें, क्या है मामला

गौरतलब है कि महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक से जुड़े मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच के लिए नामित किया गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के कार्यकताओं ने बुधवार को खफा होकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के बाहर प्रदर्शन किया।

शरद पवार ने इस मामले में कहा था कि ‘अगर मुझे जेल जाना पड़े तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। मुझे प्रसन्नता होगी, क्योंकि मुझे यह अनुभव कभी नहीं हुआ। अगर किसी ने मुझे जेल भेजने की योजना बनाई है, तो मैं इसका स्वागत करता हूं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार अब प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर आ गए हैं।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के कार्यकताओं ने  प्रवर्तन निदेशालय (ED) के बाहर प्रदर्शन किया। ज्ञात हो कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच के लिए नामित किया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाला मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, उनके भतीजे और पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार व अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आपराधिक मामला दर्ज किया है। ईडी के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि यह घोटाला करीब 25 हजार करोड़ का है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पुलिस की ओर से दर्ज एफआइआर के समकक्ष मानी जाने वाली प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है।

मनी लॉन्ड्रिंग का आपराधिक मामला दर्ज

यह मामला मुंबई पुलिस की एफआइआर के आधार पर दर्ज किया गया जिसमें बैंक के पूर्व अध्यक्ष, महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और सहकारी बैंक के 70 पूर्व पदाधिकारियों के नाम हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी की एफआइआर में राकांपा प्रमुख शरद पवार का नाम दर्ज किया गया है। यह मामला ऐसे समय दर्ज किया गया है, जब महाराष्ट्र में अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं।

मुंबई पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी

माना जा रहा है कि आरोपितों को एजेंसी की ओर से जल्द ही उनके बयान दर्ज करने के लिए समन भेजा जाएगा। ईडी के इस मामले में आरोपितों में दिलीपराव देशमुख, इशरलाल जैन, जयंत पाटिल, शिवाजी राव, आनंद राव अदसुल, राजेंद्र शिंगाने और मदन पाटिल शामिल हैं। राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की दर्ज शिकायत के आधार पर इस साल अगस्त में मुंबई पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

मुंबई पुलिस की दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में आपराधिक आरोप लगाए हैं। ईओडब्ल्यू से बांबे हाईकोर्ट ने मामला दर्ज करने को कहा था। इससे पहले न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एसके शिंदे ने कहा था कि इस मामले में आरोपितों के खिलाफ ‘विश्वसनीय साक्ष्य’ हैं।

सरकारी खजाने को 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान 

पुलिस की ओर से दर्ज एफआइआर के मुताबिक, एक जनवरी 2007 से 31 मार्च 2017 के बीच हुए महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के कारण सरकारी खजाने को कथित तौर पर 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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