‘यादव-यादव’ का खेल? घिरी अखिलेश सरकार

रामवृक्ष यादव पर कार्रवाई में देरी पर घिरी समाजवादी पार्टी सरकार
रामवृक्ष यादव पर कार्रवाई में देरी पर घिरी समाजवादी पार्टी सरकार

एजेंसी/ मथुरा में रामवृक्ष यादव और उनके अतिक्रमणकारियों पर हुई कार्रवाई में देरी को लेकर यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार और खासतौर पर शिवपाल सिंह यादव घिरते जा रहे हैं। इस कड़ी में एसपी सरकार पर ताजा हमला शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी सरकार ने रामवृक्ष यादव को संरक्षण दिया था। सरस्वती ने कहा है कि वह हिंसा वाला यादव था और मथुरा हिंसा के पीछे ‘यादव-यादव का खेल’ था।

यादव-यादव का खेल

इस पर एसपी नेता नावेद सिद्दकी ने कहा है कि यह मामला हाई कोर्ट में था। यह कहना कि ‘यादवों को बचाया जा रहा है’, यह बेबुनियाद बात है। बीजेपी नेता विजय बहादुर पाठक ने कहा है, ‘मथुरा प्रकरण अखिलेश यादव सरकार पर सवाल है। इसमें शिवपाल यादव की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। यूपी सरकार इस मामले की जांच से क्यों कतरा रही है। सरकार को मामले की जांच करवानी चाहिए।’

इससे पहले शनिवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री अखिलेश के चाचा शिवपाल को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था, ‘यदि नेताजी (सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव) में जरा भी शर्म बची है तो उन्हें मंत्री शिवपाल यादव का इस्तीफा तत्काल ले लेना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘अखिलेश यादव जी, यदि आपको चाचा-भतीजे का रिश्ता बनाए रखना है तो आपको जनता से कहना चाहिए कि आपका जनता से कोई संबंध नहीं है।’ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने भी आरोप लगाया था कि मथुरा घटना में हमलावर लोग शिवपाल सिंह यादव के ‘गुंडे’ थे।

 केंद्रीय राज्यमंत्री और फतेहपुर से बीजेपी सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने रविवार को कहा था कि इस घटना के दोषी यूपी सरकार में वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव हैं। उन्होंने शिवपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। ज्योति ने आरोप लगाया था कि जवाहर बाग पर कब्जा करने वालों को एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल का संरक्षण प्राप्त था। उन्होंने सवाल किया कि दो साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ज्योति ने आरोप लगाया कि प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करने के लिए न तो अनुमति दी गई और न ही अपेक्षित पुलिस बल मुहैया कराया गया।
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