मार्केटिंग मैनेजमेंट में ऐसे बनाये अपना भविष्य, आप भी जानिए कैसे!

जमाना मार्केटिंग और प्रमोशन का है। इस आधुनिक दौर में प्रोडक्ट थोड़ा बहुत कमजोर हो तो चलेगा, लेकिन उसकी मार्केटिंग कमजोर नहीं होनी चाहिए। प्रोडक्ट्स की बिक्री बढ़ाने के लिए उसकी मार्केटिंग एवं प्रमोशन जरूरी है। हर तरह के संस्थान मार्केट में खुद को स्थापित करने के लिए अपने उत्पादों की मार्केटिंग, ब्रांडिंग और प्रमोशन पर निर्भर रहते हैं। इसके लिए ये फर्म्स और कंपनियां सेल्स या फिर मार्केटिंग बैकग्राउंड से संबंधित प्रोफेशनल की मांग करते हैं।मार्केटिंग मैनेजमेंट में ऐसे बनाये अपना भविष्य, आप भी जानिए कैसे!
मार्केटिंग एक बिजनेस से संबंधित व्यवस्था है, जो मार्केटिंग टेक्नीक के उपयोगों पर फोकस करने के साथ ही संस्थान के मार्केटिंग रिसोर्सेज का प्रबंधन भी करती है। सरल शब्दों में कहें, तो मार्केटिंग लोगों को किसी भी प्रोडक्ट/अलग-अलग विचारों के जरिए नए-नए कॉनसेप्ट के प्रति क्लाइंट को रिझाने व आकरि्षत करने का तरीका है, ताकि उद्योग फले-फूले। यदि आपके अंदर यह गुण है कि आप किसी को भी प्रोडक्ट की खूबियों के बारे में बताकर, उन्हें उस प्रोडक्ट को खरीदने के लिए तैयार कर लेते हैं, तो मार्केटिंग मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं।

शैक्षणिक योग्यता एवं कोर्स 

करियर काउंसलर डॉ. अनुभूति सहगल कहती हैं कि मार्केटिंग मैनेजमेंट का क्षेत्र सभी के लिए खुला है। ज्यादातर संस्थान मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव्स के तौर पर एमबीए डिग्री के साथ स्नातक किए हुए युवाओं को तवज्जो देती है। अधिकतर बिजनेस स्कूल सेल्स और मार्केटिंग मैनेजमेंट को एमबीए करिकुलम के एक अभिन्न हिस्से की तरह पढ़ाते हैं। किसी भी स्ट्रीम से स्नातक किए हुए विद्यार्थी मार्केटिंग के साथ दो वर्षीय एमबीए प्रोग्राम के लिए अप्लाई कर सकते हैं। कुछ संस्थान इस कोर्स में दाखिला लेने से पहले परीक्षा, इंटरव्यू, ग्रुप डिस्कशन भी संचालित करवाते हैं।
एमबीए प्रोग्राम के अलावा, जिनके पास बैचलर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन या फिर बैचलर इन बिजनेस मैनेजमेंट की डिग्री है, उनके लिए भी मार्केटिंग मैनेजमेंट के क्षेत्र में राह खुले हुए हैं। डिप्लोमा कोर्स, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मार्केटिंग, कम्युनिकेशन मैनेजमेंट जैसे कोर्स भी विद्यार्थियों को मार्केटिंग, एडवर्टाइजिंग, ब्रांड मैनेजमेंट आदि क्षेत्रों में प्रोफेशनल तरीके से क्वालिफाइड बनाते हैं। मार्केटिंग मैनेजमेंट कोर्स में अकाउंटिंग के सिद्धांत, बिजनेस लॉ, बायर बिहेवियर, इकोनॉमिक्स, ह्यूमन मोटिवेशन एंड बिहेवियर, स्टैटिस्टिक्स, मार्केटिंग का सिद्धांत, मार्केटिंग रिसर्च, प्रोडक्शन मैनेजमेंट, साइकोलॉजी आदि विषय पढ़ाए जाते हैं। 

संभावनाओं से भरा क्षेत्र

मार्केटिंग मैनेजमेंट के क्षेत्र में आज कई मल्टीनेशनल और नेशलन कंपनियां हाथ आजमा रही हैं, जिससे इस क्षेत्र में रोजगार की कोई कमी नहीं है। हालांकि, यह क्षेत्र बहुत ही ज्यादा प्रतिस्पर्धा भरा है, ऐसे में सिर्फ योग्य व्यक्ति ही इसमें सफल करियर बना सकता है। इसमें बतौर मार्केटिंग एग्जिक्यूटिव, मार्केटिंग मैनेजर, ब्रांड मैनेजर, मार्केट रिसर्च एनालिस्ट, न्यू प्रोडक्ट मैनेजर, सेल्स मैनेजर, एडवर्टाइजिंग मैनेजर, पब्लिक रिलेशन डायरेक्टर आदि के पदों पर अपनी शैक्षणिक योग्यता और कार्यानुभव के आधार पर नौकरी पा सकते हैं।
छोटी कंपनियां, बड़े कॉर्पोरेट्स, सरकारी और गैर-सरकारी संगठन, कंसल्टेंसीज, पब्लिक रिलेशन एजेंसीज आदि में मार्केटिंग प्रोफेशनल्स के लिए नौकरी की अपार संभावनाएं हैं। इसके साथ ही आप डिपार्टमेंट स्टोर्स, कंप्यूटर कंपनियां, यूटिलिटी कंपनी, कंस्ट्रक्शन फर्म्स, फूड प्रोड्यूसर्स, मैन्युफैक्चरिंग फर्म्स में भी काम कर सकते हैं। खुद का एडवर्टाइजिंग एजेंसी खोलें या फिर कंसल्टेंसी स्थापित कर संगठनों एवं संस्थानों को मार्केटिंग के बारे में सलाह और सुझाव देने का काम भी कर सकते हैं।

कार्य स्वरूप

मार्केटिंग मैनेजर सेल्स, मार्केटिंग, प्रोडक्ट प्रमोशन, एडवर्टाइजमेंट, प्रोडक्ट प्रमोशन के लिए क्रिएटिव राइटिंग, फर्म या ऑर्गनाइजेशन के पब्लिक रिलेशन आदि का काम संभालता है। इसके अलावा मार्केट रिसर्च, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, प्राइसिंग, सेल्स और डिस्ट्रिब्यूशन का काम भी देखता है। ये ही विस्तृत रूप से मार्केटिंग स्ट्रैटेजी को डेवलप करता है। कंपनी के प्रोडक्ट की मांग और सर्विस का विश्लेषण करता है। 

सैलरी की बात 

मार्केटिंग मैनेजमेंट एक बेहतर वेतन देने वाला प्रोफेशन है। वेतन के अलावा, एक मार्केटिंग कर्मचारी को उनका टार्गेट पूरा करने के लिए कई तरह के इन्सेंटिव्स भी दिए जाते हैं। किसी अच्छे बिजनेस स्कूल से एमबीए डिग्री किए हुए मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव को सालाना तीन से साढ़े तीन लाख वेतन मिल जाता है। कार्यानुभव के बाद सालान पांच लाख तक सैलरी पैकेज हो सकती है। सीनियर पोजीशन पर काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी संस्थान और कार्यानुभव के आधार पर काफी अच्छी होती है। फील्ड वर्क करने वाले मार्केटिंग मैनजर को ट्रैवल अलाउएंसेज भी कंपनी देती है। 

व्यक्तिगत विशेषताएं

मार्केटिंग मैनेजमेंट में उम्दा भविष्य बनाने के लिए आपके अंदर प्रोडक्ट को अच्छी तरह से समझने की सूझबूझ होनी चाहिए। क्लाइंट्स से डील करते वक्त विनम्र, व्यवहारकुशल और शांत होना जरूरी है। आपके हावभाव से ऐसा प्रतीत होना चाहिए कि आप बिजनेस में विशेषज्ञ हैं। बेहतर कम्युनिकेशन स्किल, लीडरशिप क्वालिटी, टीम के साथ काम करने की योग्यता, किसी भी समस्या को समझकर उसे सुलझाने में माहिर होना भी जरूरी है। तुरंत सोचने, नए आइडियाज पर काम करने की योग्यता हो। समय पर टार्गेट को पूरा करना भी महत्वपूर्ण शर्तों में से एक है। एक मार्केटिंग मैनेजर को आत्मविश्वास से लबरेज होना चाहिए।

ये भी पढ़ें: टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट में एक बार फिर से होगा धमाल, गरजेगा इस खिलाडी का बल्ला

प्रमुख शिक्षण संस्थान

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, चेन्नई, तमिलनाडु
सेंट्रल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, जबलपुर, नागपुर, रायपुर
इंस्टीट्यूट ऑफ मार्केटिंग एंड मैनेजमेंट, दिल्ली
इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्निकल स्टडीज, नोएडा, उत्तर प्रदेश
एसीएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट स्टडीज, अलीगढ़, उ.प्र.
Back to top button