रेल यात्रियों के लिए जरूरी खबर, इतनी तारीख तक ट्रेनें हुई रद्द

जालंधर: ट्रेनों के लेट होने से यात्रियों की परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसी क्रम में रेलवे द्वारा नई सूची जारी करते हुए 50 के करीब ट्रेनों को 7 मई तक के लिए रद्द कर दिया गया है, जबकि सैकड़ों ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए गए हैं। रद्द की गई ट्रेनों में दर्जन भर ट्रेनें जालंधर व कैंट स्टेशनों से संबंधित हैं जिसके चलते ट्रेनों के जरिए अपने कार्यक्रम निधार्रित करने वाले यात्रियों को दूसरे विकल्पों के जरिए यात्रा करनी पड़ेगी। वहीं, जो ट्रेनें दूसरे रूटों से होकर आ रही हैं, उन ट्रेनों में सफर करने वालों को लंबी यात्रा करनी पड़ेगी, जिससे कई घंटे का समय अतिरिक्त लगेगा।

किसानों के शंभू स्टेशन पर रोष धरना देने के चलते अंबाला से पंजाब की तरफ आने वाली ट्रेनों को बाधा उत्पन्न हो रही है। इसी के चलते रेलवे द्वारा अंबाला से चंडीगढ़ की तरफ ट्रेनों का रुख मोड़ा गया है। इसके चलते चंडीगढ़ से न्यू मोरिंडा, सरहिंद साहनेवाल के रास्ते से ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। ट्रेनों की देरी व रद्द होने के कारण जहां एक तरफ यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है, वहीं, दूसरी तरफ रेल ट्रैक के बंधित किए जाने से रेलवे को रोजाना करोड़ों रुपए का वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। रद्द की गई जालंधर से संबंधित ट्रेनों में मुख्य तौर पर 12459-12460 (नई दिल्ली-अमृतसर), 12497-12498 (शान-ए-पंजाब), 14681-14682 (जालंधर-नई दिल्ली) सहित कई ट्रेनें शामिल हैं।

विभागीय अधिकारियों ने कहा कि विभिन्न कारणों के चलते कई ट्रेनों को रास्ते में शार्ट टर्मीनेट करते हुए वापस भेजना पड़ रहा है। पूरे घटनाक्रम में यात्रियों को रेलवे स्टेशनों पर परेशान होते देखा जा सकता है। इसी क्रम में 3 मई दोपहर तक जारी किए गए शैड्यूल के मुताबिक 150 के करीब ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। इसमें कुछ ट्रेनों को शार्ट टर्मीनेट किया गया है, जबकि 100 से अधिक ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए जाने के चलते विभिन्न ट्रेनें 2-3 घंटे से 5-6 घंटे की देरी से अपने गंतव्य पर पहुंच रही है।

लगातार लेट हो रही सुपरफास्ट शताब्दी
वहीं, शताब्दी जैसी सुपरफास्ट गाड़ी भी लगातार देरी से जालंधर स्टेशन पर पहुंच रही है। इसके चलते यात्रियों को भारी दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि शताब्दी से यात्रा करने वालों को उम्मीद रहती है कि उक्त ट्रेन अपने तय समय पर पहुंच जाएगी लेकिन यदि शताब्दी लेट हो रही है तो दूसरी ट्रेनों का लेट होना स्वाभाविक है।

बच्चों के साथ परेशान हो रहे अभिभावक
देखने में आ रहा है कि ट्रेनों के लेट होने के कारण बच्चों के साथ पहुंच रहे अभिभावक खासे परेशान हो रहे हैं। प्लेटफार्म पर बच्चे को अपनी गोद में उठाए बैठी एक मां को भारी गर्मी में परेशान होते देखा गया। सुविधाओं के अभाव में जमीन पर बैठे यात्री ट्रेनों के आने का इंतजार करते हुए थक जाते है, लेकिन घंटों उनका इंतजार समाप्त होने का नाम नहीं लेता। लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार को इस संबंध में हल निकालना चाहिए।

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