देहरादून में विशाल भूकंप का बना खतरा, एक्टिव हुआ एक करोड़ ..

देहरादून में भूकंप का खतरा बढ़ गया है। यहां एक करोड़ साल पुराना भूकंपीय फॉल्ट सक्रिय स्थिति में मिला है। जिससे वैज्ञानिक सकते में हैं। बता दें कि शहरी इलाका जोन चार और पर्वतीय क्षेत्र जोन पांच में है। यहां के पर्वतीय क्षेत्रों में अक्सर भूकंप के झटके लोगों के दिलों में दहशत कर जाते हैं।

देहरादून भूकंप एक्टिव हुआ एक करोड़

भूकंपीय फॉल्ट सक्रिय होने से भूगर्भ में कितनी ऊर्जा संचित हो गई होगी, इसका अंदाजा वैज्ञानिकों को भी नहीं है। यह ऊर्जा विशाल भूकंप के रूप बाहर आ सकता है। लेकिन ये कब बाहर आएगी इसका जवाब भी फिलहाल वैज्ञानिकों के पास नहीं है। फॉल्ट की सक्रियता का खुलासा वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के अध्ययन में हुआ है। भूकंप की दृष्टि से दून अति संवेदनशील श्रेणी यानि जोन पांच में शामिल है।  

हिमालय की उत्पत्ति के बाद भी करोड़ों साल तक इसके निर्माण की प्रक्रिया जारी रही और इसी में से एक करीब 1600 किलोमीटर लंबे सब-हिमालय का निर्माण हुआ। खास बात यह कि इस निर्माण की तस्दीक करता एक अहम फॉल्ट उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के शहंशाही आश्रम क्षेत्र में है और इसे शहंशाही आश्रम फॉल्ट या मेन बाउंड्री थ्रस्ट (एमबीटी) भी कहा जाता है। 

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वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. सुरेंद्र सिंह भाकुनी के अनुसार इस फॉल्ट की सक्रियता का पता इस बात से चलता है कि यहां पर करीब 120 करोड़ साल पुरानी चट्टानें महज 25 हजार साल पुराने दून के अवसादों के ऊपर चढ़ रही हैं। पहले इस अवसाद की उम्र 30 हजार बताई जा रही थी, लेकिन वाडिया संस्थान के पूर्व निदेशक व वर्तमान में भी शोध कार्य में लगे डॉ. वीसी ठाकुर के ताजा शोध में यह उम्र 25 हजार आंकी गई।

डॉ. भाकुनी के मुताबिक सामान्य स्थिति में 120 करोड़ साल पुरानी चट्टानें नीचे होनी चाहिए। इस सक्रियता के चलते भूभाग दक्षिण की तरफ खिसक रहा है। यानी धरती के नीचे पैदा हो रहा तनाव ही इस सक्रियता का कारण है, लेकिन इस क्षेत्र में अभी तक कोई भी स्तरीय भूकंप रिपोर्ट नहीं किया गया है। साफ है कि फॉल्ट के सक्रिय होने के बाद भी ऊर्जा बाहर नहीं आ पा रही। यह तो कहा जा सकता है कि यह ऊर्जा कभी भी भूकंप के रूप में बाहर आ सकती है, लेकिन यह भूकंप कब आएगा और उसकी तीव्रता कितनी होगी, यह कह पाना मुश्किल है।

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