अखिलेश यादव की मांग, पीएम मोदी पर 72 घंटे नहीं.. 72 साल का लगे बैन

लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अपने चरम पर है. चार चरण का मतदान पूरा हो चुका है और अगले तीन दौर के मतदान के लिए सभी दलों के नेता रैलियां कर रहे हैं. खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी ताकत झोंकी हुई है और पिछले एक महीने में वो ताबड़तोड़ रैलियां कर चुके हैं. लेकिन रैलियों में दिए जा रहे पीएम मोदी के भाषणों पर विपक्ष आपत्ति जता रहा है. यहां तक कि मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है जिस पर आज सुनवाई है. इससे पहले ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि पीएम मोदी पर 72 घंटे का नहीं, बल्कि 72 साल का बैन लगना चाहिए.

चुनावी रैलियों में क्या पीएम मोदी ने अपने भाषणों से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है या नहीं, इस मसले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. सुनवाई से पहले ही अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के प्रचार पर 72 साल का बैन लगने की बात कही है.

अखिलेश ने ट्वीट में लिखा, ‘विकास पूछ रहा है, प्रधान जी का शर्मनाक भाषण सुना क्या? ‘सवा सौ करोड़’ देशवासियों का भरोसा खोकर अब वो बंगाल के 40 विधायकों के तथाकथित दल-बदल के अनैतिक भरोसे तक सिमट गए हैं. ये वो नहीं काले धन की मानसिकता बोल रही है. इसके लिए उन पर 72 घंटे नहीं बल्कि 72 साल का बैन लगना चाहिए.’

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अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में पीएम मोदी के पश्चिम बंगाल के सीरमपुर में दिए गए उस भाषण का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के 40 विधायक मेरे संपर्क में हैं और 23 मई को जब नतीजे आएंगे तो आपके (ममता बनर्जी) विधायक भी आपको छोड़कर भाग जाएंगे.

सोमवार को ही कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगा दी और शिकायत में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने बयान और भाषणों से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. इसकी शिकायत बार-बार चुनाव आयोग से भी की गई है, लेकिन आयोग आचार संहिता उल्लंघन का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन कर रहा है. इसके बाद अब कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिस पर आज सुनवाई है. लेकिन सुनवाई से पहले ही विपक्ष हमलवार हो गया है और अखिलेश यादव ने कहा है कि नरेंद्र मोदी पर 72 घंटे का नहीं, बल्कि 72 साल का बैन लगना चाहिए.

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