बिहार के इस मंदिर में रोज़ रात होता है शिव का शक्ति से मिलन, दरवाजों पर बनी हैं…
पटना। गंगा और गंडक नदी पर बना ये मंदिर मिनी खजुराहो और नेपाली मंदिर हाजीपुर के नाम से काफी फेमस है। मंदिर की बाहरी दीवारों और दरवाजों पर सेक्सुएलिटी से भरी मूर्तियां बनी हुई।
रात को होता हैं शिव शक्ति का मिलन आती हैं ऐसी आवाज…
– नेपाली मंदिर सिर्फ दिन के समय खुला होता हैं यहां रात को जाने की परमिशन नहीं हैं। लोगों की ऐसी मान्यता हैं कि रात के समय यहां शिव और शक्ति का मिलन होता हैं। मिलन के दौरान तेज लाइट निकलती हैं जिससे डमरू अपने आप बजने लगता हैं और मंदिर के ऊपर लगी घंटियां बजने लगती हैं।
– 18 सेन्चुरी में इस मंदिर को नेपाली कमांडर मातंबर सिंह थापा ने बनवाया था। इस मंदिर नेपाली आर्किटेक्चर का यूज देखने को मिलता है। कहा जाता हैं कि मंदिर के पीछे बने श्मशान में कभी चिंता की आग ठंडी नहीं होती है।
– लोग बताते हैं कि मंदिर की दीवारों और दरवाजों पर बनी मूर्ति सेक्स एजुकेशन के लिए बनी हुई हैं। खजुराहो की तरह इन मूर्तियों में अलग-अलग सेक्स पोजिशन दिखाई गई हैं।
– 18 सेन्चुरी में इस मंदिर को नेपाली कमांडर मातंबर सिंह थापा ने बनवाया था। इस मंदिर नेपाली आर्किटेक्चर का यूज देखने को मिलता है। कहा जाता हैं कि मंदिर के पीछे बने श्मशान में कभी चिंता की आग ठंडी नहीं होती है।
– लोग बताते हैं कि मंदिर की दीवारों और दरवाजों पर बनी मूर्ति सेक्स एजुकेशन के लिए बनी हुई हैं। खजुराहो की तरह इन मूर्तियों में अलग-अलग सेक्स पोजिशन दिखाई गई हैं।
इसे नेपाली सेना के कमांडर ने बनाया था इसी वजह से ये नेपाली छावनी के नाम से फेमस हैं।
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मंदिर बनाने वालों के काट दिए थे हाथ
लोकल लोगों का कहना हैं कि उनके पूर्वज कहा करते थे कि मंदिर के दरवाजों पर कटे हाथों के फोटो हैं। मंदिर बनने के बाद जिन आर्टिस्ट ने इसे बनाया था उनके हाथ काट दिए गए थे लेकिन लाइफ टाइम तक उनके खाने पीने की सारी जिम्मेदारी नेपाल सरकार की थी।
मंदिर के अंदर विराजमान हैं भगवान शिव
– नेपाली मंदिर मूलरूप से शिव मंदिर हैं। मंदिर के गर्भग्रह में भगवान शिव की बलुआ पत्थर की शिव लिंग विराजमान हैं।