खजुराहो के मंदिर बनवाने का था ये असली मकसद, और फिर इस वजह से हो गया फेमस

भोपाल। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो का इतिहास काफी पुराना है। खजुराहो का नाम खजुराहो इसलिए पड़ा क्योंकि यहां खजूर के पेड़ों का विशाल बगीचा था। चंद बरदाई की कविताओं में इसे ‘खजूरपुर’ कहा गया तथा एक समय इसे ‘खजूर वाहक’ नाम से भी जाना गया। लोगों का मानना था कि इस समय नगर द्वार पर लगे दो खजूर वृक्षों के कारण यह नाम पड़ा होगा, जो बाद में खजुराहो कहलाने लगा।खजुराहो के मंदिर बनवाने का था ये असली मकसद, और फिर इस वजह से हो गया फेमस
– खजुराहो के मंदिर यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल है। ये मंदिर अपनी नागरा आकृति और कलात्मक कलाकृति और कामोत्तेजक मूर्तियों के लिये प्रसिद्ध है। मंदिरों का निर्माण 950 और 1050 में ही चंदेल साम्राज्य के राजाओं ने कराया था। 
– इतिहास के जानकारों के अनुसार 12 वी शताब्दी से खजुराहो मंदिरों के समूह में कुल 85 मंदिर है, जो 20 किलोमीटर वर्ग के दायरे में फैले हुए थे। इनमें से अब केवल 20 मंदिर ही बचे हुए है जो 6 किलोमीटर के दायरे में फैले हुए है। बचे हुए मंदिरों में कन्दरिया महादेव मंदिर में इतिहास की विविध घटनाओं की जानकारी भी लिखी गयी है, यह मंदिर भारतीय प्राचीन कला प्रदर्शन का सजीव उदाहरण हैं।

खजुराहो मंदिरों का इतिहास

खजुराहो मंदिर राजपूत व चंदेल साम्राज्य के शासनकाल में बनाया गया है। चंदेल शासन की ताकत का विस्तार होते ही उनके साम्राज्य को बुंदेलखंड का नाम दिया गया और खजुराहो स्मारकों का निर्माण कार्य शुरू किया। खजुराहो के मंदिर हिन्दू राजा यशोवर्धन और धंगदेव गुर्जर के शासनकाल में बने है। यशोवर्धन की महानता को हम लक्ष्मण मंदिर में देख सकते है।
विश्वनाथ मंदिर दूसरे शासक धंगदेव की महानता को दर्शाता है। खजुराहो के मंदिर में सबसे प्रसिद्ध कंदरिया महादेव का मंदिर है, चन्देल वंश के पराक्रमी राजा यशोवर्मन ने 1025-1050 ई. के आस-पास करवाया था।
 -इतिहासकारों के अनुसार खजुराहो स्मारकों में बहुत से मंदिर 970 से 1030 के समय में ही बने है। पर्शियन इतिहासकार अलबरूनी ने गजनी के महमूद गजनवी के 1022 में कालिंजर पर किए आक्रमण का वर्णन किया है। उसने खजुराहो को जजहुती की राजधानी बताया। गजनवी का यह धावा असफल रहा क्योंकि हिन्दू राजा महमूद गजनी को फिरौती देने को भी राजी हो गये थे।
-मध्य भारतीय क्षेत्र में खजुराहो मंदिर 13 से 18वीं शताब्दी के बीच मुस्लिम शासकों के नियंत्रण में थे। इस काल में बहुत से मंदिरों का अपमान कर उन्हें नष्ट भी किया गया था। उदाहरण के लिये 1495 में सिकंदर लोदी ने अपनी सैन्य शक्ति के बल पर खजुराहो मंदिरों का विनाश किया था। लेकिन बाद में हिन्दुओं और जैन धर्म के लोगो ने एकत्रित होकर खजुराहो मंदिर की सुरक्षा की। लेकिन जैसे-जैसे सदियां बदलती गयी वैसे-वैसे वनस्पति और जंगलो का भी विकास होता गया और और खजुराहो के मंदिर भी सुरक्षित हो गए।

– 1830 में स्थानिक हिन्दुओं ने ब्रिटिश सर्वेक्षक टीएस बर्ट को मार्गदर्शन दिया, लेकिन बाद में एलेग्जेंडर कन्निंघम ने बताया की खजुराहो मंदिरों का ज्यादातर उपयोग हिन्दू योगी ही करते थे और हजारों हिन्दू और जैन धर्म के लोग शिवरात्रि मनाने फरवरी और मार्च के महीने में हर साल आते थे। 1852 में मैसी ने खजुराहो मंदिरों की कलाकृति भी बनवायी।

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कला और मूर्तिकला 

– खजुराहो मंदिरों में कलात्मक कार्य किया गया है जिनमें मंदिर के आंतरिक और बाहरी भागों पर 10% कामोत्तेजक कलाकृतियां बनायी गयीं हैं। इनमें से कुछ मंदिरों में लंबी दीवारें बनी हुई हैं, जिनमें छोटी लेकिन कामोत्तेजक कलाकृतियां बनी हुई है। कुछ विद्वानों का ऐसा मानना है की प्राचीन सदियों में यहां कामुकता का अभ्यास किया जाता था।
-जबकि कुछ विद्वानों का ऐसा कहना है की कामुक कलाकृतियां हिन्दू परंपरा का ही एक भाग है और मानवी शरीर के लिये यह बहुत जरुरी है। जेम्स मैककोन्नाचि ने अपने कामसूत्र के इतिहास में खजुराहो का भी वर्णन किया है।

खजुराहो मंदिरों से जुड़ीं रोचक जानकारी… 

1. खजुराहो मंदिर का निर्माण कुंडलीदार जटिल रचना के आकार में किया गया है। खजुराहो मंदिर उत्तर भारतीय शिखर मंदिर के आकार में जुड़े हुए है।
2. खजुराहो मंदिर अपनी आकर्षित कलाकृति और ऐतिहासिक मूर्तियों के लिये प्रसिद्ध हैं।
3. खजुराहो मंदिर के अंदर के कमरे एक दूसरे से जुड़े हुए है। कमरों में एक तरह से कलाकृति की गयी है की कमरों की खिड़कियों से सूरज की रौशनी पूरे मंदिर में फैले। और लोग भी मंदिर को देखते ही आकर्षित होते है।
4. खजुराहो नाम हिंदी शब्द ‘खजूर’ से आया है जिसका अर्थ “खजूर फल” है।
5. इस मंदिर का निर्माण 950 और 1050 AD में चंदेल साम्राज्य के समय में किया गया था।
6. पहले प्राचीन काल में खजुराहो समूह में कुल 85 मंदिर थे लेकिन प्राकृतिक आपदाओ के कारण बहुत से मंदिर अब नष्ट हो चुके हैं। अब खजुराहो में केवल 22 हिन्दू मंदिर ही बचे हुए हैं।
7. 20 वी शताब्दी में ही खजुराहो मंदिरों को पुनःखोजा गया था।
8. यह मानना गलत होगा की खजुराहो मंदिर केवल कामुक कलाकृतियों के लिये ही प्रसिद्ध है। बल्कि ये कामुक कलाकृतियां प्राचीन भारत की परंपराओं और कलाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।
9. खजुराहो मंदिर में मध्यकालीन महिलाओं के जीवन को पारंपरिक तरीके से चित्रित किया हुआ है।
10. हजारों श्रद्धालु और यात्री खजुराहो मंदिर देखने आते है। खजुराहो मंदिर मध्य भारत के ह्रदय मध्य प्रदेश के दायी तरफ स्थित है।
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