क्या 42 साल बाद ‘1976’ दोहरा पाएगी टीम इंडिया?

 भारतीय क्रिकेट टीम ने सुपरस्पोर्ट पार्क मैदान पर दक्षिण अफ्रीका के साथ जारी दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन मंगलवार का खेल खत्म होने तक 287 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 35 रनों पर अपने तीन विकेट गंवा दिए हैं. भारतीय टीम अभी भी लक्ष्य से 252 रन दूर है जबकि उसे पांचवें दिन के करीब 90 ओवरों का सामना करना है. भारत के सात विकेट सुरक्षित हैं.

क्या 42 साल बाद ‘1976’ दोहरा पाएगी टीम इंडिया?

ये तो बात रही मैच के समिकरण की लेकिन क्या भारतीय टीम के पिछले आंकड़े इस मैच को लेकर कुछ बयां करते हैं? जी हां, ये सवाल बड़ा है और इसका जवाब तसल्ली देने वाला. ये पहला मौका नहीं है जब टीम इंडिया ऐसी मुश्किल परिस्थिती में फंसी है और ऐसा भी नहीं है कि टीम इंडिया इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करने पहली बार गई है.

आइये अब एक नज़र डालते हैं भारत ने पहले कब हासिल किया है सबसे बड़े लक्ष्य:

भारतीय टीम ने विदेश ज़मीन पर खेलते हुए पोर्ट ऑप स्पेन में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ 406 रन बनाकर लक्ष्य हासिल किया और मुकाबला अपने नाम किया था. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में विदेश में भारतीय टीम की ये सबसे बड़ी जीत भी है. लेकिन ये जीत भारतीय टीम ने साल 1976 में देखी थी.

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इसके बाद भारतीय टीम ने दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य साल 2001 में श्रीलंका के कैंडी में हासिल किया था. जब टीम ने महज़ 3 विकेट गंवाकर 264 रन बनाए और मैच अपने नाम कर लिया. वहीं कोलंबो में ही भारतीय टीम ने साल 2010 में 258 रनों का लक्ष्य हासिल किया था. इस मुकाबले में भारतीय टीम 5 विकेट से जीती थी.

इतना ही नहीं भारतीय टीम ने चौथी पारी में कई मौकों पर लंबे समय तक बल्लेबाज़ी की है और मैच भी बचाया है. आइये एक नज़र डालें ऐसे ही आंकड़ों पर: भारतीय टीम ने चौथी पारी में सबसे अधिक 141.4(8 गेंदों का ओवर) ओवर बल्लेबाज़ी की है. जिसमें टीम इंडिया ने 445 रन बनाए थे, हालांकि इतना पहाड़ जैसा स्कोर बनाने के बावजूद भारतीय टीम को मुकाबले में 47 रनों से हार का सामना करना पड़ा था. भारतीय टीम ने साल 1979 में ओवल में 150.5 ओवर बल्लेबाज़ी की थी, साथ ही 429/8 भी बनाए थे. लेकिन टीम इंडिया इस मुकाबले को जीत से 8 रनों से चूक गई थी और ये मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ.

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