यूपी: इस धारणा को तोड़ने की कोशिश में बसपा… हिसाब से भी ज्यादा मुसलमानों को दिया टिकट

मुस्लिम बहुल सीटों पर रणनीति के तहत खुद प्रत्याशी देने में कंजूसी बरतने वाली सपा और कांग्रेस गठबंधन के कई नेता बहुजन समाज पार्टी पर भाजपा की ‘बी’ टीम होने का आरोप लगाते रहे हैं। पर, बसपा ने कई सीटों पर ऐसे प्रत्याशी उतारे हैं जो सीधे तौर पर भाजपा की टेंशन बढ़ाने वाले हैं।

बसपा की राजनीति पर गहराई से नजर रखने वाले प्रोफेसर गोपाल प्रसाद कहते हैं कि बेस वोट पर मंडराते खतरे को ध्यान में रखते हुए बसपा ने इस बार टिकट का वितरण रणनीतिक तौर पर किया है। जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी बसपा का नारा रहा है।

मायावती ने इससे आगे बढ़ते हुए अब तक जो 55 टिकट दिए हैं उनमें 14 मुस्लिम हैं। यूपी की आबादी में मुसलमानों की करीब 20 फीसदी हिस्सेदारी है। जबकि बसपा 25.45 प्रतिशत टिकट मुस्लिमों को दे चुकी है। दूसरी ओर गठबंधन ने अब तक घोषित 72 सीटों में से सात टिकट ही मुसलमानों को दिए हैं।

यह 10 प्रतिशत भी नहीं है। बसपा ने भाजपा के कोर वोटर ब्राह्मणों में से भी 11 को टिकट दिए हैं। राजनीतिक विश्लेषक डॉ. अमित उपाध्याय कहते हैं कि गठबंधन मुस्लिम वोट लेकर अपनी सीटें बढ़ाने पर ध्यान देता दिख रहा है।
गठबंधन के नेताओं का बसपा को भाजपा की ‘बी’ टीम बताना रणनीतिक सियासी शरारत की तरह है, जिससे मुसलमानों को टिकटों में कम हिस्सेदारी की ज्यादा चर्चा न हो पाए।
मायावती ने भाजपा के कई चर्चित चेहरों के सामने अपने रणनीतिक कैंडिडेट उतारकर गठबंधन के नेताओं के आरोपों से पिंड छुड़ाने और भाजपा की ‘बी’ टीम होने की धारण को तोड़ने की कोशिश की है। करीब 10 सीटों पर बसपा, भाजपा की चुनौती बढ़ाई है।

जौनपुर लोकसभा सीट का पिछला चुनाव भाजपा हार गई थी। इस सीट को निकालने के लिए भाजपा ने कृपा शंकर सिंह को टिकट दिया है। कृपा शंकर महाराष्ट्र में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे और मूल रूप से जौनपुर के ही रहने वाले हैं। अब मायावती ने ठाकुर समाज के ही बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह को टिकट दे दिया। धनंजय जेल में हैं। श्रीकला जौनपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं। समाजवादी पार्टी ने यहां से बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है। एक जमाने में बाबू सिंह मायावती के आंख-कान होते थे।

मेरठ में भाजपा ने अपने सिटिंग सांसद का टिकट काटकर टीवी सीरियल रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा त्यागी समाज को अपने समर्थन में मानती रही है। कई त्यागी नेताओं को महत्वपूर्ण पद और प्रतिष्ठा से नवाजा है। मायावती ने मेरठ से देवव्रत त्यागी को प्रत्याशी बनाकर भाजपा के कोर वोटबैंक में सेंध लगाने की चाल चल कर टेंशन बढ़ा दी है।

बस्ती में भाजपा ने अपने सिटिंग सांसद हरीश द्विवेदी को फिर टिकट दिया है। बसपा ने ब्राह्मण समाज से ही दयाशंकर मिश्र को टिकट देकर भाजपा की पेशानी पर बल ला दिया है। यहां सपा ने एक बार फिर पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी को उतारा है। चौधरी बसपा सरकार में मंत्री हुआ करते थे और मायावती के खास लोगों में गिनती होती थी।

आजमगढ़ में सपा मुखिया अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव मैदान में हैं। भाजपा ने यहां से अपने मौजूदा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ को उतारा है। यहां राजभर समाज की अच्छी तादाद है। इस समाज को साधने के लिए भाजपा ने ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से गठबंधन किया है। पर, बसपा ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को आजमगढ़ से उतार कर भाजपा के समीकरण की चुनौती बढ़ा दी है।

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