लखनऊ विश्वविद्यालय में अगले साल से एक वर्ष का परास्नातक

लखनऊ विश्वविद्यालय आगामी सत्र 2024-25 में एक वर्षीय परास्नातक कोर्स लॉन्च करने की तैयारी में है। एक वर्ष के पीजी कोर्स में चार वर्षीय स्नातक कोर्स करने वाले विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे।

अभी तक देश के किसी भी शिक्षण संस्थान में एक वर्षीय पीजी पाठ्यक्रम शुरू नहीं हुआ है। लविवि की डीन एकेडमिक्स प्रो. गीतांजलि मिश्रा ने बताया कि अध्यादेश निर्माण का कार्य अपने अंतिम चरण में है। फरवरी के अंतिम सप्ताह में फाइनल ड्राफ्ट को संस्तुति के लिए कुलपति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। उनकी अनुमति मिलने के बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि समय से अध्यादेश तैयार हो जाता है तो विवि के सभी विभागाध्यक्षों को कोर्स समझने और उसमें अपने अनुसार जरूरी सुधार कर सकने की गुंजाइश होगी।

20 क्रेडिट का होगा एक सेमेस्टर
प्रो. गीतांजलि ने बताया कि एक वर्षीय परास्नातक कोर्स एक सेमेस्टर में 20 क्रेडिट का होगा। यानी दोनों सेमेस्टर में 40 क्रेडिट, इससे विद्यार्थी पर सिलेबस का ज्यादा भार नहीं होगा। उन्होंने बताया कि दो वर्षीय पीजी कोर्स 96 क्रेडिट का होता है। इस हिसाब से एक वर्षीय पीजी प्रति सेमेस्टर 24 क्रेडिट का होना चाहिए लेकिन यूजीसी ने अपनी नई गाइडलाइन में इसे 20 क्रेडिट का करने का सुझाव दिया है। उनके मुताबिक, एक क्रेडिट में विद्यार्थी को 15 घंटे पढ़ना होता है और सेमेस्टर में 15 सप्ताह। विद्यार्थी कितने घंटे पढ़ाई करेगा यह क्रेडिट पर निर्भर होगा।

चार क्रेडिट का होता है एक पेपर
लविवि में लागू नई शिक्षा नीति के हिसाब से संचालित सभी पाठ्यक्रमों में एक पेपर के लिए अधिकतम चार क्रेडिट और न्यूनतम दो क्रेडिट निर्धारित हैं। यानी विद्यार्थी को प्रत्येक सेमेस्टर में एक पेपर 60 घंटे पढ़ना होगा। वहीं प्रैक्टिकल पेपर में यही संख्या ठीक दोगुनी हो जाती है।

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