करनाल वासियों को सीएम मनोहर ने दी 6.54 करोड़ की लागत से बने राजकीय उत्तर रक्षा गृह की सौगात

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को करनाल में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 6.54 करोड़ रुपये की लागत से बनी राजकीय उत्तर रक्षा गृह की ईमारत का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के 6 एकड़ में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कई बिल्डिंग बनाई जा रही हैं, अभी उनमें से एक ईमारत बनकर तैयार हुई है। जिसका आज उद्घाटन किया गया है। जो महिलाएं असहाय हैं, जिन्हें सरकारी आश्रय की जरुरत होती है, ऐसी महिलाओं के लिए नारी निकतेन बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि साथ में ही वर्किग वुमन हॉस्टल भी बनाया जाएगा। बता दें कि 2142.40 स्कवेयर मीटर में बनी इस राजकीय उत्तर रक्षा गृह (नारी निकेतन), करनाल की ईमारत में ग्राउंड फ्लोर समेत कुल चार फ्लोर हैं। इसमें परामर्श कक्ष, 3 डोरमैट्री, डाइनिंग रूम, किचन, लाइब्रेरी, 2 क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, प्रशिक्षण कक्ष, मनोरंजन कक्ष, भोजनालय कक्ष, ईलाज हेतु पैरामेडिकल कक्ष तथा शारीरिक व मानसिक रूप से निशक्त महिलाओं की सुविधा हेतु लिफ्ट का भी प्रावधान किया गया है। इसके साथ-साथ कार्यालय स्टॉफ हेतु पांच कार्यालय कक्ष, विजिटर रूम, स्टोर रूम, महिला शौचालयों आदि की पर्याप्त व्यवस्था है। नारी निकेतन में यह मिलती है सुविधाएं

बता दें कि राजकीय उत्तर रक्षा गृह करनाल (नारी निकेतन) वर्ष 1982 से कार्यरत है। पूरे हरियाणा में नारी निकेतन संस्था एक ही है जो करनाल में स्थित है। यह संस्था 18 वर्ष से ऊपर की बेसहारा महिलाओं के लिए है। इन महिलाओं को कोर्ट के आदेशों से या प्रशासन के आदेशों से संस्था में दाखिल किया जाता है। जोकि विभिन्न धाराओं के तहत कोर्ट में विचाराधीन है। संस्था में रहते हुए इन बेसहारा व गुमशुदा महिलाओं को समाज में पुन: स्थापित करने का प्रयास भी किया जाता है।‌ गुमशुदा या लावारिस महिलाएं संस्था में आती हैं उनका परामर्श के माध्यम से उनके घर का पता लगाकर अन्य राज्यों व जिलों से समन्वय स्थापित करके उनको वापस उनके घर में पुनः स्थापित किया जाता है। संस्था में रहते हुए महिलाओं को उनकी योग्यता के अनुसार शिक्षा व प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जैसे सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, कंप्यूटर, शिक्षा , ब्यूटी पार्लर , आर्ट एंड

क्राफ्ट इत्यादि क्रियाएं भी करवाई जाती हैं। जो लड़कियां व महिलाएं आगे अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं, उन्हें ओपन बोर्ड से उनकी शिक्षा भी पूरी करवाई जाती है। जिन्हें किसी भी प्रकार के ईलाज की जरूरत है, उनका हर प्रकार की मेडिकल सुविधा प्रदान की जाती है। अभी तक संस्था द्वारा लगभग 200 महिलाओं को उनके परिवार में पुनः स्थापित किया जा चुका है। वर्तमान समय में संस्था में 25 महिलाएं व लड़कियां रह रही हैं, जिसमें से 4 बांग्लादेश की रहने वाली हैं। 2 लड़कियां मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं, जो कोर्ट के आदेश अनुसार आई हुई हैं। 9 महिलाएं दिव्यांग हैं। 2 महिलाएं सुरक्षा की दृष्टि से कोर्ट के आदेशों के तहत आई हुई हैं तथा 6 गुमशुदा महिलाएं रह रही हैं।

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