SME सेक्टर को नजरअंदाज किया गया तो विनाशकारी होगा एमएसएमई संकट

न्‍यूज डेस्‍क

देश में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। 24 मार्च को 21 दिनों के लिए लागू किए गए लॉकडाउन को फिर से 3 मई तक बढ़ा दिया गया, लेकिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ती रही और 26 हजार से ज्‍यादा इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण पर तो रोक नहीं लगी है लेकिन पहले से खराब देश की अर्थव्‍यवस्‍था का और ज्‍यादा नुकसान हो गया है। बड़े-बड़े उद्योगों के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम (MSMEs) उद्योगों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।

कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एकबार फ‍िर चिट्ठी लिखी है। उन्होंने MSMEs की चिंताओं को दोहराया और निवारण के लिए पांच सुझाव भी दिए। साथ ही सोनिया गांधी ने पीएम मोदी से MSME सेक्टर के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की है। उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा कि SME सेक्टर को अगर नजरअंदाज किया गया तो एमएसएमई संकट विनाशकारी होगा और हमारी अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा।

सोनिया गांधी ने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री को MSME सेक्टर के लिए एक लाख करोड़ के वेज प्रोटेक्‍शन पैकेज का ऐलान करना चाहिए। यही नहीं इस सेक्टर के लिए एक लाख करोड़ का ही क्रेडिट गारंटी फंड का प्रावधान किया जाना चाहिए। साथ ही एक 24X7 हेल्पलाइन भी स्‍थापित की जानी चाहिए जिससे इस क्षेत्र को संकट से उबरने में मार्गदर्शन मिल सके।

उन्‍होंने कहा है कि कोरोना के चलते MSME सेक्टर गहरे आर्थ‍िक संकट का सामना कर रहा है। यह क्षेत्र लगभग 30 हजार करोड़ के गहरे नुकसान में फंसा नजर आ रहा है। यही नहीं लॉकडाउन के चलते हर दिन यह संकट विकराल होता जा रहा है जिसकी मदद की कोशिशें की जानी चाहिए।

इससे पहले बीते दिनों लिखे गए पत्र में सोनिया गांधी ने कहा था कि कोरोना के खिलाफ जंग में सरकार को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि किसी नागरिक के सामने भुखमरी का संकट पैदा नहीं हो। लॉकडाउन के कारण देश में लाखों गरीब लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं जो बहुत दुखद है जबकि देश के पास बहुत ज्यादा अन्न भंडार मौजूद है।

कांग्रेस अध्‍यक्ष ने कहा था कि भंडारों में पड़े अनाज राज्यों को मुहैया कराने से भारतीय खाद्य निगम को रबी की उपज को खरीदने में सहूलियत होगी क्योंकि भंडारों में जगह बन जाएगी। दूसरी ओर राहुल गांधी ने वायरस से बचे क्षेत्रों में कारोबार को धीरे-धीरे खोले जाने की मांग की थी।

सोनिया गांधी ने सरकार को पांच सुझाव दिए हैं जोकि इस प्रकार से हैं:-

1. सोनिया गांधी ने सुझाव दिया कि सरकार को MSME सेक्टर के लिए 1 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान करना चाहिए. ऐसा करने से न सिर्फ लोगों की नौकरियां बचेंगी बल्कि इस सेक्टर का मनोबल भी बरकरार रहेगा।

2. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दूसरा सुझाव दिया कि MSME सेक्टर के लिए 1 लाख करोड़ के क्रेडिट गारंटी फंड का निर्माण किया जाना चाहिए. ऐसा करने से सेक्टर में लिक्विडिटी के साथ सेक्टर के पास पर्याप्त पूंजी पहुंच जाएगी. जिसका इस्तेमाल MSME सेक्टर उस वक्त कर सकेगा जब उसे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होगी।

3. अपने तीसरे सुझाव में सोनिया गांधी ने MSME सेक्टर के लिए एक 24 घंटे हेल्पलाइन जारी करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने अपने सुझाव में कहा है कि आरबीआई और अन्य कमर्शियल बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस सेक्टर से जुड़े छोटे व्यापारियों को कर्ज समय पर मिले।

अपने चौथे सुझाव में सोनिया ने निवेदन किया कि MSME द्वारा लिए गए कर्ज पर ब्याज के भुगतान को 3 महीने के लिए टाला जाए और सरकार इस सेक्टर से जुड़े टैक्स को माफ करने या फिर कम करने पर विचार करे।

5. अपने पांचवे सुझाव में उन्होंने कहा कि सरकार को MSME सेक्टर को जिन वजहों से लोन मिलने में रुकावटे पैदा हो रही हैं, उन्हें जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए।

बता दें कि एमएसएमई क्षेत्र का देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान रहता है। इस क्षेत्र से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर करीब 15 लोग जुड़े हुए हैं। कोरोना और लॉकडाउन की वजह से MSMEs को जोरदार झटका लगा है, कोरोना के काल से निकलने के बाद सरकार के सामने MSMEs को दोबारा अपने पैरों पर खड़ा करना एक बड़ी चुनौती होगी।

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