प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव : नड्डा बोले – 22 को अपने घरों में दीप ज्योति जलाएं

राजधानी में मंदिर स्वच्छता को लेकर श्रमदान अभियान शुरू हो गया है। इसके तहत सभी मंदिरों व तीर्थस्थलों की भाजपा नेता 22 जनवरी तक सफाई करेंगे। इस अभियान को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने करोलबाग स्थित संत गुरु रविदास मंदिर परिसर में स्वच्छता श्रमदान किया। संत रविदास की प्रतिमा को माल्यार्पण किया फिर अगले आधा घंटा स्वच्छता कार्य किया। 

उन्होंने मंदिर के महिला मंडल के भजन सुने और संत गुरु रविदास की प्रतिमा के समक्ष बैठकर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता 14 जनवरी से लेकर 22 जनवरी तक हर तीर्थ स्थल, मंदिर के प्रांगण की सफाई करेंगे।  सफाई अभियान के अलावा हर मंदिर में पूजा करने के अलावा कीर्तन भी करेंगे। 22 जनवरी को सभी अपने घर में दीप ज्योति  जलाएं और भगवान श्री राम के नाम पर जलाए गए इस श्री राम ज्योतिमाला में अपने आप को समावेश करें। रविदास जी का पूरा जीवन प्रेरणा स्रोत रहा है।

इस अभियान में सभी भाजपा सांसद, विधायक, पार्षद और प्रदेश पदाधिकारी जुड़ेंगे। वजीराबाद स्थित वाल्मीकि मंदिर पहुंचकर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने स्वच्छता के लिए श्रमदान किया। वहीं विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बदरपुर विधानसभा क्षेत्र के जैतपुर पार्ट-2 के श्री राधाकृष्ण मंदिर, राम दरबार और हनुमान मंदिर में जाकर झाड़ू लगाई और सफाई में हिस्सा लिया। 

मुस्लिम समाज के लोगों ने भी लिया हिस्सा 
अभियान में मुस्लिम समाज के लोगों ने भी भागीदारी की। राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा महाज के अध्यक्ष आतिफ रशीद के नेतृत्व में पुरानी दिल्ली स्थित दरगाह हजरत ख्वाजा बाकी बिल्लाह पहुंचकर स्वचछता के लिए श्रमदान किया और श्रीराम और भारत माता का जयकारा लगाया।

अयोध्या का श्रीराम मंदिर भारत की अस्मिता, गौरव का प्रतीक : प्रो. सिंह
विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह को राम लला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता दिया। रविवार को डीयू के कुलपति आवास पर पहुंचकर उन्होंने कुलपति को अक्षत के साथ यह निमंत्रण दिया। निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करते हुए कुलपति ने कहा कि यह सबके लिए गर्व और सम्मान की बात है कि अयोध्या के श्रीराम मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। कुलपति ने कहा कि इस कार्यक्रम को छोटे रूप में नहीं देखा जाए। भगवान सबके मन में भी हैं, लेकिन जो भारत की अस्मिता है, उसके गौरव का प्रतीक है, वह भारत का अयोध्या का राम मंदिर है।

प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि 22 जनवरी, 2024 भारत के इतिहास में लिखा जाने वाला वह दिन साबित होगा, जिस दिन भारत की अस्मिता, भारत के संकल्प और भारत के वैभव को विश्व देखेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय हर तरीके से इस मुहिम से जुड़ा हुआ है और सब के लिए यह बहुत ही सम्मान की बात है। इस अवसर पर दक्षिणी दिल्ली परिसर के निदेशक श्री प्रकाश सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता, प्रॉक्टर प्रो. रजनी अब्बी, एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो, कल्चर काउंसिल के चेयरपर्सन अनूप लाठर, सहित कई लोग उपस्थित रहे। 

खारी बावली में चलेगी सीता रसोई, बौद्ध करेंगे मंत्र का जाप
श्रीराम की भक्ति में डूबी दिल्ली के हर कोने में लोगों में उत्साह नजर आ रहा है। कोई हनुमानचालीसा पाठ करा रहा है तो कोई सीता रसोई। भारतीय बौद्ध संघ ने भी दिल्ली के करोल बाग में 51 बौद्धों से मंत्र जाप कराने का निर्णय लिया है। कई इलाकों में भजन संध्या, प्रभात फेरी, भंडारा, दीपोत्सव समेत कई कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
चांदनी चौक में 21 से 29 जनवरी तक श्री सनातन धर्म सभा की तरफ से श्री राम कथा का आयोजन किया जा रहा है वही। 19 जनवरी को खारी बावली के व्यापारियों ने सीता रसोई का आयोजन करेंगे। 

प्रवीण शंकर कपूर ने बताया कि ईस्ट आफ कैलाश में पंडित अर्जुन शास्त्री श्री राम कथा का संगीतमय पाठ प्रतिदिन 4 से 7 बजे करेंगे। 26 जनवरी को जयपुर से आये संजय पारिक श्री राम भजन का रसमय गायन करेंगे। 21 जनवरी को महिला मंडल के सहयोग से श्री राम कथा कलश यात्रा निकाली जायेगी। 

रामलीला कमेटी ने प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर किया शस्त्र पूजन
अयोध्या में प्रभु राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर श्री रामलीला महासंघ की पहल पर रामलीला कमेटियों ने शस्त्र पूजन शुरू कर दिया है। लालकिला मैदान में रामलीला मंचन कराने वाली लव कुश रामलीला कमेटी ने रविवार को चांदनी चौक स्थित विद्वान पंडितों से मंत्रों के साथ शस्त्र पूजन कराया। इस दौरान कमेटी के पदाधिकारियों के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद थे। कमेटी की ओर से मंगलवार को रामलीला का मंचन कराया जाएगा।

इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया कि अयोध्या में आयोजित प्रभु राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर पूरा देश राममय हो गया है। उनकी कमेटी भी अपने इलाके को राममय बनाएगी। इस कड़ी में कमेटी मंगलवार को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने रामलीला का मंचन कराएगी। इस दौरान ढोल, शंक, मृदंग, डमरू घड़ियाल, शहनाई आदि के बीच प्रभु राम की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी।

कमेटी के महामंत्री सुभाष गोयल ने बताया कि 21 जनवरी को एक विशाल शोभा यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें बैंडबाजा, विभिन्न स्वरूपों की झांकी के साथ प्रभु राम का रथ शामिल होगा। डाॅ. हर्षवर्धन ने कहा कि प्रभु राम के मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा देखना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। इस दौरान कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्यभूषण जैन, कपिल रस्तोगी आदि ने भी शस्त्रों की पूजा अर्चना की।

सांंसद ने मंदिर में सफाई की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीर्थस्थलों व मंदिरों में स्वच्छता अभियान शुरू करने के आह्वान के तहत रविवार को पश्चिम दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने द्वारका विधानसभा क्षेत्र के महावीर एंक्लेव स्थित सनातन धर्म मंदिर में सफाई की। 

पूर्व विधायक प्रद्युमन राजपूत, प्रदेश अनुसूचित जाति मोर्चा के सचिव दलबीर सिंह, नजफगढ़ जिला के अध्यक्ष रमेश शौखंदा व मंगलापुरी मंडल के अध्यक्ष कुणाल बाली मेहता ने भी स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया। उन्होंने मंदिर के एक-एक कोने को साफ किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की यह बहुत ही अच्छी पहल है। इस पहल में आम लोग भी हिस्सा ले रहे हैं। 

धार्मिक स्थलों पर चला सफाई अभियान
एनडीएमसी ने लोहड़ी और मकर संक्रांति आदि पर्व के मद्देनजर रविवार कोे प्राचीन हनुमान मंदिर और रकाब गंज साहिब गुरुद्वारा में विशेष सफाई अभियान शुरू किया। प्राचीन हनुमान मंदिर में परिसर में बची हुई पूजा सामग्री को साफ करने के साथ-साथ आसपास की गलियाें को कूड़ा मुक्त किया। रकाब गंज साहिब गुरुद्वारा में स्वयंसेवकों ने एनडीएमसी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर परिसर और उसके आसपास की साफ सफाई की। इसके अलावा एनडीएमसी ने कनॉट प्लेस इलाके में सभी सब-वे में सफाई अभियान चलाया।

लौकिक राम मेरे सबसे करीब
अयोध्या के राम मेरे सबसे करीब हैं। वह इसलिए कि राम हमारे-आपके जैसे हैं। मानवीय भावनाएं उनको भी स्पंदित करती हैं। चौदह वर्ष के बनवास पर निकली सीता के नंगे पांवों में छाले पड़ने से तथा स्वर्णमयी मृग रूपी मायावी मारीच को मारकर पंचवटी के पर्ण कुटीर में लौटने पर वहां सीता को न पाकर उनका भी हृदय विदीर्ण होता है।

रणभूमि में छोटे भाई को मरणासन्न स्थिति में देख उनके भी नेत्र आंसुओं से भर आते हैं। फिर भी, बगैर विचलित हुए हर संकट का सामना करने की प्रेरणा हमें त्रेता के लौकिक राम से ही मिलती है। जीवन के दुःख-सुख में समान रीति से रमने का नाम राम है। अपने जीवन लक्ष्यों को पुरुषार्थ से साधने की कला हैं राम।

मेरे राम पराक्रमी हैं। दंडकारण्य से किष्किन्धा की पहाड़ियों के मध्य वन प्रांतर में निवास कर रहे बानरों और रीछों की सेना तैयार कर उन्होंने अपने दौर के सर्वाधिक शक्तिशाली लंकापति रावण पर विजय प्राप्त की।

बिना किसी छल छद्म के, मात्र पुरुषार्थ और पराक्रम से लड़ा गया ”रावण रथी, विरथ रघुवीरा” का यह युद्ध इतिहास के किसी भी कालखंड  के लिए सर्वाधिक प्रेरक है। राम अभिवादन के लिए उठे हाथों के ”जय राम”, मर्यादा खंडित होने पर ”राम-राम-राम”, और अंतिम सांस के ”हे राम” भी हैं। 

(राजनीतिक विश्लेषक और पूर्व राजनीतिक सलाहकार  अमेरिकी दूतावास से दिनेश दुबे से बातचीत पर आधारित)

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