रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे लालकृष्ण आडवाणी

उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में 22 जनवरी को राम मंदिर (Ram Mandir) प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के शामिल होने की खबर से यहां के लोगों में खुशी और उत्साह का माहौल है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा था कि लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। 96 वर्षीय लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) भाजपा के संस्थापक सदस्य हैं और एक अन्य भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ 1990 के दशक की शुरुआत में राम मंदिर आंदोलन में सबसे आगे रहे थे।

राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा, ‘‘अगर आडवाणी राम लला के दर्शन करने आ रहे हैं तो यह अयोध्या के लिए एक खुशी का क्षण होगा। इसका पूरा श्रेय आडवाणी को जाता है कि उन्होंने राम जन्मभूमि के लिए हिंदू जनता के बीच जन जागरूकता पैदा की।” पिछले महीने, राम मंदिर ट्रस्ट ने कहा था कि आडवाणी और एक अन्य भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी दोनों के स्वास्थ्य और उम्र के कारण प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने की संभावना नहीं है, जिससे विवाद पैदा हो गया। वहीं, अयोध्या के पुराने सियाराम मंदिर के पुजारी महंत राम दास ने कहा, ‘‘अगर आडवाणी उस शुभ दिन पर अयोध्या आ रहे हैं, तो यह वनवास से राम की वास्तविक घर वापसी जैसा होगा।”

‘आडवाणी राम जन्मभूमि आंदोलन के निर्माता और वास्तुकार थे’
कारसेवक रहे बाबरी मस्जिद विध्वंस के मुख्य आरोपियों में से एक संतोष दुबे ने कहा, ‘‘ लालकृष्ण आडवाणी राम जन्मभूमि आंदोलन के निर्माता और वास्तुकार थे। यदि वह छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में नहीं होते, तो बाबरी मस्जिद को ध्वस्त नहीं किया जाता और उस विध्वंस ने आज राम मंदिर के लिए मार्ग प्रशस्त कर दिया।” वहीं, पंडित प्राणनाथ त्रिपाठी ने कहा, ‘‘आडवाणी जी को इतने लंबे समय के बाद देखना अयोध्या का सौभाग्य होगा। आखिरी बार आडवाणी ने वर्ष 2005 में अयोध्या का दौरा किया था। अठारह वर्षों के बाद वह मंदिर शहर में आ रहे हैं, वह निश्चित रूप से अयोध्या के निवासियों के लिए अच्छी किस्मत लेकर आएंगे।” 

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