गांव में नहीं आती थी धूप, लोगों ने सूरज को ही धरती उतार लिया, ऐसा लगाया जुगाड़

धरती पर रहते हुए जीने के लिए हम सभी को सूरज की किरणों की ज़रूरत होती है. सोचिए, एक दिन अगर सूर्य नहीं निकले, तो ज़िंदगी कैसे जी जाएगी. जिन्हें सूरज के दर्शन रोज़ होते हैं, वो समझ ही नहीं सकते कि धूप नहीं मिलने का दर्द कैसा होता है? ये दर्द झेल रहे एक गांव के निवासियों ने अनोखा तरीका निकाल लिया, जो आपने पहले शायद ही कभी देखा या सुना होगा.

गांव का नाम विगनेला (Viganella) है. स्विट्ज़रलैंड और इटली के बीच बसे हुए इस गांव की दिक्कत ये थी कि गांव ऐसी जगह पर बसा था, जहां धूप पड़ती ही नहीं थी. ऐसे में गांव के लोगों ने एक अलग ही जुगाड़ निकाला और सूरज को धरती पर उतार लिया. सुनकर ये आपको अजीब लगेगा लेकिन वाकई ऐसा ही हुआ है और ये आज भी चर्चा में रहता है.

नहीं आती थी धूप, उतार लिया सूरज!
वाइस न्यूज़ के मुताबिक साल 1999 में विगनेला के ही एक स्थानीय आर्किटेक्ट जियाकोमा बोंज़ानी ने यहां के चर्च की दीवार पर एक धूपघड़ी लगाने का प्रस्ताव रखा. जब मेयर ने इसे खारिज़ कर दिया और इसकी जगह उनसे कुछ ऐसा बनाने के कहा, जिससे गांव में पूरे साल धूप पड़े. आखिरकार बोंज़ानी ने इंजीनियर गियानी फेरारी के साथ मिलकर एक ऐसा विशाल शीशा तैयार किया, जो 8×4 मीटर का है. इसमें एक खास सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग भी की गई, जिसकी वजह से आईना सूरज के पथ के हिसाब से घूमता रहा है. इस तरह से ऊंची चोटी पर लगा ये मिरर दिन में 6 घंटे गांव को धूप देता है.

लोग देखने पहुंचते हैं ये आईना
इस आईने को बनाने में कुल 1 करोड़ रुपये की लागत आई और 17 दिसंबर, 2006 को ये प्रोजेक्ट पूरा किया गया. इसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, ये व्यावहारिक और मानवीय आधार पर बनाई गई व्यवस्था है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये चर्चा का विषय बना रहता है और लोग वहां जाकर इस दर्पण को देखते हैं.

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